गीत/नवगीत

नमो नमो जय मोदी जी


नमो नमो जय मोदी जी
हर दर्जे हर पर्चे में है अब खबर गर्म बस मोदी जी
बड़े बड़े दिग्गज की काया जिसने पल में धो दी जी
उजले कपड़े भीतर दाबी काली करतूतें जिसने भी
घूम रहे बौराये से वो सुधबुध जैसे सब खो दी जी ।।
मोदी जी मोदी जी नमो नमो जय मोदी जी
मंत्री संत्री एक समान हों यह तुमने कर दिखलाया
कोई त्रिशंकु लटक उल्टा गंगा में लार गिरा आया ।।
लहर क्रांति ,जनमन आतुर अब क्या होगा आगे जी
भ्रष्ट आचरण करने वालों पे गाज गिरेगी सुन लो जी
मोदी जी मोदी जी नमो नमो जय मोदी जी
काले धन के अय्याशों सन्यासी बनने की अब बारी
माया छोड़ राम को जप लो चार धाम की हो तैयारी
नोट वोट की नीति धुर्र आँख चंगू मंगू की रो दी जी
जंगल राज फुर्र मानो जब अलख सिंह ने भर दी जी ।।
मोदी जी मोदी जी नमो नमो जय मोदी जी
नेक राह कठिन पर साबित नामुमकिन कोई काम नही
त्याग समर्पण सर्वोपरि स्वदेश से महती कोई धाम नही
समझे गीदड़ उसे जो वचन परस्त लुकछिप हेरा फेरी की
ऊँगली सीधी बात न मानी लो अब तो टेढ़ी कर दी जी ।।
मोदी जी मोदी जी नमो नमो जय मोदी जी
प्रियंवदा अवस्थी

प्रियंवदा अवस्थी

इलाहाबाद विश्वविद्यालय से साहित्य विषय में स्नातक, सामान्य गृहणी, निवास किदवई नगर कानपुर उत्तर प्रदेश ,पठन तथा लेखन में युवाकाल से ही रूचि , कई समाचार पत्र तथा पत्रिकाओं में प्रकाशित , श्रृंगार रस रुचिकर विधा ,तुकांत अतुकांत काव्य, गीत ग़ज़ल लेख कहानी लिखना शौक है। जीवन दर्शन तथा प्रकृति प्रिय विषय । स्वयं का काव्य संग्रह रत्नाकर प्रकाशन बेदौली इलाहाबाद से 2014 में प्रकाशित ।