किसी गुरू की नहीं और किसी न चेले की
किसी गुरू की नहीं और किसी न चेले की ग़ज़ल नहीं है बपौती किसी अकेले की चला रहे हैं वतन
Read Moreकिसी गुरू की नहीं और किसी न चेले की ग़ज़ल नहीं है बपौती किसी अकेले की चला रहे हैं वतन
Read More(नारी उत्पीड़न) नारी की विवशता को आजतक किसने समझा है सदियों से तो….. वो रोती, कलपती, बिलखती ही आई है
Read Moreदिल के दरवाजे पर नजरों से दस्तक दी थी कभी, दबे पैर आकर मेरी जिंदगी में आहट की थी कभी।
Read Moreमोदी जी जनता धोखा सहन नहीं करेगी, तख्ता पलट करने से हरगिज नहीं डरेगी। आप काले धन पर बड़े बोल
Read Moreहे भगवान मेरी है बस इतनी सी फरियाद चाहे जीवन छोटा ही देना पर देना दीपक के जैसा जैसे अँधेरी
Read Moreकलुआ एक जेबकतरा है । 8 नवम्बर को मोदीजी के आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक का सबसे बड़ा पीड़ित पक्ष अगर कोई
Read Moreप्रशंसा सुनकर लोग फूलकर कुप्पा होजाते हैं एक क्षण में अपनी औकात भूल जाते हैं। चलते हैं जमीन पर सोचते
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