कविता से दिल को लगा-कुंडलियां छंद
1 – कविता से दिल को लगा ,भूल गए हो काम सविता बेलन ले चली , भुगतो अब अंजाम ।
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Read Moreओ३म् ससार में केवल तीन ही सत्तायें व पदार्थ हैं ईश्वर, जीव व सृष्टि। हमें मनुष्य जन्म भी ईश्वर ने
Read More26 जनवरी वाले दिन सुबह-सुबह अनूप के घर के बाहर अनूप, मनोज और टीनू उदास बैठे थे. उनकी उदासी देखने
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Read Moreक्या है कोई राम ? ? ? ***************** कितनी अहिल्या जीती जागती बनीं शिला हुई भावशून्य ! उसी वजह से…
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Read Moreमौन बर्फ़ से सर्द, हो चुके हैं रिश्ते पिघलाए, सहलाए कौन शब्द हो चुके हैं अब बौने ” समझदार” रह
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