गजल
तनहाई को मीत बनाओ तो जानूँ! गम को अपने गीत सुनाओ तो जानूँ! * लौ से मिलकर जले न कोई
Read Moreओ३म् वेद ईश्वरीय ज्ञान है। ईश्वर प्रदत्त ज्ञान होने के कारण वेद पूर्णतः तर्क व युक्ति संगत होने के साथ
Read Moreओ३म् डा. रघुवीर वेदालंकार जी की एक कृति ‘ध्यान तथा उपासना’ है जिसका प्रकाशन सत्यधर्म प्रकाशन, रोहतक से सन् 1906
Read Moreओ३म् वेदर्षि दयानन्द (1825-1883) ने अपने अपूर्व पुरुषार्थ और वैदिक ज्ञान से वेदों का पुनरुद्धार किया था। वह सारे संसार
Read Moreओ३म् काम, क्रोध, लोभ व मोह मनुष्य के प्रबल शत्रु हैं जो मनुष्य का जीवन नष्ट कर देते हैं। मनुष्य
Read Moreजय श्रीकृष्ण: 01-01-2017 नव वर्ष आनंदमय , सुख समृद्धि दायक एवं समाधानकारक हो . जय जय श्री राधे
Read Moreलम्बे अर्से बीत चले हैं, इनसे कुछ सबक लेना होगा, उम्मीदों की सतत् कड़ी में, इस बार नया कुछ
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