भजन/भावगीत

जय-जय बजरंगी

जय-जय बजरंगी हम पर होना दयाल
करुणासागर करुणा करना हम पर होना कृपाल जय-जय बजरंगी—–
1. रामदूत अतुलित बलधामा, अंजनिपुत्र पवनसुत नामा
तेरी महिमा का बजरंगी कोई न पाए पार जय-जय बजरंगी—–
2. दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते
बिगड़े काम बनाओ कर दो खुशियों की झनकारजय-जय बजरंगी—–
3. नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा
रोग-शोक सब दूर हटाके दो चरणों का ध्यान जय-जय बजरंगी—–
4. संकट ते हनुमान छुड़ावै मन क्रम वचन ध्यान जो लावै
संकटमोचन संकट हरना बन जाना रखपाल जय-जय बजरंगी
5. तुम्हरै भजन राम को पावै जनम-जन्म के दुख बिसरावै
राम प्रभु के दरश करादो इतना करो उपकार जय-जय बजरंगी—–

(तर्ज़-मैय्याजी मेरी बेटी को रखना सदा खुशहाल—)

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244