हास्य व्यंग्य

घूसखोर

धत् तेरी घुस खोर की,धत् तेरी घूसखोर की।
धत् तेरी घुसखोर की।।
रच्छक ह्वैकै रौब जमावै,जनता का कानून पढ़ावै;
बने ऑफीसर जग मा घूमे,मदद कीहिन उई चोर की।
धत् तेरी घुसखोर की।।
जीकै नौकर वहिक डरावै फंसैं कहूँ तौ बात बनावै;
उल्टा चोर कोतवालै डाँटे दैकै धमकी जोर की।
धत तेरी घूसखोर की।।
बिना नोट न करिहैं काम भए सज्जन से नमक हराम;
काम करैं न जपते राम जय जय हड़ताली शोर की।
धत तेरी घूसखोर की।।
काम किहे का वेतन पावैं तिपरौ जनतस मुँह फैलावै;
भिखमंगे से पैसा मांगत औकात है लाख करोड़ की।
धत तेरी घूसखोर की।।
कभी समय से काम न करते रो रो जनतस् आँहेंभरते;
बड़ा काम है सिर पर भैय्या सब कहते कामचोर भी।
धत तेरी घूसखोर की।।
जनता से जो पैसा पावै तुरतै काम सम्पन्न करावैं;
दूर दूर छन मा ह्वै आँवै करत बखान आपने जोरकी।।
धत तेरी घूसखोर की।।
अपना नाम रुश्तम बतलावें इक दूसरे पर दोष लगावैं;
कहते लेते सुबिधा शुल्क ये बात है भण्डाफोर की।
धत तेरी घूसखोर की।।
क्या करते बेगार जो उठतीटीस कैसे लेते सुबिधाफीस;
काम किहे का वेतन लैकै चलते राह मुनाफाखोर की।
धत तेरी घूसखोर की।।
नौकरी की खातिर बिकाजो घर सोइत रातका छप्परतर;
सूतसहित उइघर के कारण पड़ती सुबिधाशुल्क जोरकी।
धत तेरी घुस खोर की।।
सुनिलिहिस जनता उनकी आंहे पैसा देकै पकड़िस राहें;
भूखा प्यासा चला है घर मनावत राम नाम के जोर की।
धत तेरी घूसखोर की।।

डॉ. जय प्रकाश शुक्ल

एम ए (हिन्दी) शिक्षा विशारद आयुर्वेद रत्न यू एल सी जन्मतिथि 06 /10/1969 अध्यक्ष:- हवज्ञाम जनकल्याण संस्थान उत्तर प्रदेश भारत "रोजगार सृजन प्रशिक्षण" वेरोजगारी उन्मूलन सदस्यता अभियान सेमरहा,पोस्ट उधौली ,बाराबंकी उप्र पिन 225412 mob.no.9984540372