कविता- तुम्हारी याद नेताजी
देख ‘मां’ को गुलामी की जंजीरों में रक्त तुम्हारा उबल पड़ा था । तुम्हारी एक हुंकार से तब देश तुम्हारे
Read Moreदेख ‘मां’ को गुलामी की जंजीरों में रक्त तुम्हारा उबल पड़ा था । तुम्हारी एक हुंकार से तब देश तुम्हारे
Read Moreबड़ी अजीब परंपरा है इस देश की । जहां एक ओर हम बड़े ठाट से सैन्य दिवस मनाते हुए अपने
Read Moreखादी पे राजनीति क्यों खादी आयोग द्वारा अपने प्रोडक्टस के विज्ञापन हेतु छापे जाने वाले कैलेंडर और डायरीयों पर इस
Read Moreबढ़ते बलात्कार : जिम्मेदारी किसकी ? देश को झकझोर देनेवाले विभत्स निर्भयाकांड के बाद देश में उभनते तीव्र गुस्से
Read Moreनगर सेठ सहाय साहब के आवास पर आयोजित होली-मिलन समारोह में शामिल होने के लिए विधायक शुभ्रा देवी खादी-रेशम की
Read Moreराम मंदिर बस एक चुनावी मुद्दा है उत्तर प्रदेश में चुनाव आते ही एक बार फिर से राम मंदिर
Read More” आइये सुधीर भाई आइये, आज राह भूल कर कैसे चले आये?” ” मैं तो राह नहीं भूला प्रोफेसर साहब
Read Moreदेश भक्ति का पाठ चलो सबको पढ़ाते हैं । हर घर में सोया है सुभाष आओ मिलकर जगाते हैं ।
Read More