पद्य साहित्यहाइकु/सेदोका

जागा फागुन (होली के 10 हाइकु)

1.

होली कहती

खेलो रंग गुलाल

भूलो मलाल!

2.

जागा फागुन

एक साल के बाद,

खिलखिलाता!

3.

सब हैं रँगे

फूल तितली भौंरे

होली के रंग!

4.

खेल तो ली है

रंग-बिरंगी होली

रँगा न मन!

5.

छुपती नहीं

होली के रंग से

मन का पीर!

6.

रंग अबीर

तन को रँगे, पर

मन फ़क़ीर!

7.

रंगीली होली

इठलाती आई है

मस्ती छाई है!

8.

उड़ के आता

तन मन रँगता

रंग गुलाल!

9.

मुर्झाए रिश्ते

किसकी राह ताके

होली बेरंग!

10.

रंग अबीर

फगुनाहट लाया

मन बौराया!

– जेन्नी शबनम (12. 3. 2017)

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