गीतिका/ग़ज़ल

गज़ल

आ  सवारें   देश   की   तस्वीर को ।
हम  मिटा दें  धीर बन  हर पीर को ।।

है   हमारा  ही  सदा   से  अंग  वो।
छीन  लेगा  कौन  यूं  कश्मीर  को ।।

कत्ल करती है जुबां ही इस कदर ।
म्यान में  रखना  सदा शमशीर को ।।

बेवफाई  जख्म   से  जादा   रिसी ।
है  खुदा  हाजिर  यहाँ  तहरीर को ।।

खुद ब खुद हम हो गये हैं आपके ।
अब समझ लो प्यार मेरी पीर को ।।

रोज़ने  –  उम्मीद   आया   सामने ।
क्यूं  भुला  बैठे  भला तकदीर  को।।

काल में कल ,क्या मिलेगा कल यहाँ।
आज  तुम  बांधों  न  यूँ  जंजीर को ।।

ढूँढता  है  आज   भी  गमगीन  हो ।
रांझड़ा  बन  मेघ  अपनी  हीर को ।।

नफरतों की  आग  सी  है  जिन्दगी ।
खुश ‘अधर’ हैं, पी नयन के नीर को ।।

शुभा शुक्ला मिश्रा ‘अधर’

शुभा शुक्ला मिश्रा 'अधर'

पिता- श्री सूर्य प्रसाद शुक्ल (अवकाश प्राप्त मुख्य विकास अधिकारी) पति- श्री विनीत मिश्रा (ग्राम विकास अधिकारी) जन्म तिथि- 09.10.1977 शिक्षा- एम.ए., बीएड अभिरुचि- काव्य, लेखन, चित्रकला प्रकाशित कृतियां- बोल अधर के (1998), बूँदें ओस की (2002) सम्प्रति- अनेक समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में लेख, कहानी और कवितायें प्रकाशित। सम्पर्क सूत्र- 547, महाराज नगर, जिला- लखीमपुर खीरी (उ.प्र.) पिन 262701 सचल दूरभाष- 9305305077, 7890572677 ईमेल- vshubhashukla@gmail.com