राजनीति

दिमागी दिवालियापन

७० साल से अगर किसी का सबसे अधिक क्षरण हुआ है तो यहाँ के मानसिकता का ! जिसमे ३० % आम लोगो का और ९९ % बुद्धिजीवियों , साहित्यकारों और नामचीनों का. हर शब्द के मायने बदल गए है. जिसकी जैसी मानसिकता है शब्दो के मायने उसी प्रकार है. हर शब्द के इतने मायने पैदा कर दिए गए है की लोगबाग अब मंदिर को मंदिर और मस्जिद को मस्जिद कहने से पहले सौ बार सोचते है की पता नहीं किस शब्द से किसकी भावना आहत हो जाय. अपराध करने वाले के अपराध पर कम उसके जाती धर्म पर ज्यादे बहस होती है. एक शब्द है अल्पसंख्यक , जब भी अल्पसंख्यक शब्द आता है मुस्लिम चेहरा उभरकर सामने आता है जबकि अल्पसंख्यक पारसी सिख ईसाई और बौद्ध है. लेकिन यहाँ अल्पसंख्यक के मायने मुसलमान हो गया है. यद्यपि मुसलमान अच्छी तरह जानते है की वे अल्पसंख्यक नहीं है लेकिन बहती गंगा में हाँथ कौन नहीं धोएगा ? जब अंधा रेवड़ी बाँट रहा है तो आँख वाला क्यों नहीं लेगा ? वोटबैंक बन जाने और हिन्दुओ के हर रीती रिवाज पर बखेड़ा करने से अगर सरकारी सुविधा और राजनैतिक सम्मान मिल जा रहा है तो कौन अहमक है जो थोड़ा दहलेंगाई करने से डरेगा ? अभी अभी उ प्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी आस्था के अनुसार अपने आवास का शुद्धिकरण कराये है , सिक्ख पारसी बौद्ध ईसाई किसी को कोई एतराज नहीं है लेकिन कुछ मुस्लिम धर्म गुरुओ को एतराज है क्योकि ए दिखाना चाहते है हिन्दुत्व को केवल हम रोक सकते है / जबकि साधारण सी बात है कोई कोई काम शुरू करता है तो अपने आस्था विश्वास से शुरू करता है /अब ज़रा दलित शब्द पर गौर कीजिये /जब भी दलित शब्द अत है तो एक विशेष जाती के लोग जेहन में आ जाते है , जबकि सबसे दलित , असहाय , निर्धन आदिवासी मुसहर बनवासी है / चूँकि इनकी कोई राजनैतिक ताकत नहीं है लिहाजा इन पर किसी राजनैतिक दल ध्यान नहीं जाता /७० साल से इस देश में शब्दो के साथ मजाक हो रहा है / लिखने बैठूंगा तो वर्षो लग जाएंगे / प्र म जी ने कहा की पिल्ला भी दब जाता है दर्द होता है , बितण्डावादियो ने कहा की इ मुस्लिमो को पिल्ला बना दिए / सबका साथ – सबका विकाश का भी खूब मजाक उड़ाया गया / तीन तलाक विशुद्ध मानवीय मसला है लईकिन भाजपा के अलावा इसपर कोई मुह खोलने को तैयार नहीं है / एक देहाती शब्द है लुलुआना , घाघोटना ! बिगत तीन साल से बिरोधी यही कर रहे है /

राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय

रिटायर्ड उत्तर प्रदेश परिवहन निगम वाराणसी शिक्षा इंटरमीडिएट यू पी बोर्ड मोबाइल न. 9936759104