मुक्तक/दोहा

मुक्तक

बना फूलों से ये गजला करें स्वीकार ये माला
मिटाये गम सभी मेरे इसी में भाव सब डाला
भरोसा है मुझे तेरा तेरे शरणों में अाई हूँ
बतादे तूँ कमी मेरी सुधारू भाग्य मैं काला
— बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।