राजनीति

उत्तर प्रदेश में योगी की ताजपोशी के साथ महाबदलाव के क्षण

11 मार्च 2017 के दिन भारतीय जनता पार्टी को ऐतिहासिक बहुमत मिलने के बाद प्रदेश ही नहीं अपितु पूरे भारत की नजरें इस बात पर गढ़ी थी कि अब यूपी का मुख्यमंत्री कौन बनेगा? एक सप्ताह की लम्बी प्रतीक्षा के बाद व कई नामों के कयासों के बाद भाजपा आलाकमान की पसंद व भाजपा के विधायक दल की बैठक के बाद गोरखपुर से पांच बार सांसद रह चुके योगी आदित्यनाथ को उप्र के नये मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिला दी गयी है। शपथ ग्रहण समारोह में केशव प्रसाद मौर्य व लखनऊ के महापौर डा. दिनेश शर्मा को उपमुख्यमंत्री के पद की शपथ दिलायी गयी। वहीं उनके साथ 22 कैबिनेट मंत्रियों सहित 13 राज्यमंत्रियों व 9 स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रियों को भी शपथ दिलायी गयी है।
जब गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ को उप्र का मुख्यंमत्री बनाने का ऐलान किया गया तो सारे बहुसंख्यक हिदू समाज में जबर्दस्त खुशी की लहर दौड़ गयी और आज भी पूरे उप्र में योगी व पीएम मोदी तथा भाजपा समर्थक जश्न में डूबे हुए हैं तथा होली व दीपावली का पर्व एक साथ मना रहे हैं।

प्रदेश ही नहीं अपितु देश के राजनैतिक विश्लेषको का भी अनुमान है कि भाजपा का यह दांव बेहद चौंकाने वाला तथा आश्चर्यचकित करने वाला है। भाजपा ने योगी जी को उप्र जैसे विशाल राज्य की कमान सौंपकर एक तीर से कई निशान साधे हैं। योगी जी को मुख्यमंत्री बनाकर विश्व हिंदू परिषद व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए आतुर सभी पक्षों को भी संदेश दिया है, वहीं प्रदेश व समाज में व्यापक पैमाने पर बदलाव लाने का संदेश भी दे दिया है। योगी आदित्यनाथ के सीएम बन जाने से आज समस्त हिंदू समाज में खुशी का वातावरण तो है ही, साथ ही अब समस्त हिंदू समाज को यह भी संदेश चला गया है कि पीएम मोदी व भाजपा ने सबका साथ सबका विकास के मूलमंत्र के साथ हिंदुत्व को भी नहीं छोड़ा है। हिंदू समाज जो कि अभी तक जातिवाद व मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति के चलते दबा कुचला जा रहा था उसके साथ भेदभाव की राजनीति की जा रही थी, अब उसी हिंदू समाज को फिर नयी स्फूर्ति मिली है। गोरखपुर मंडल व पूर्वांचल ही नहीं अपितुु सारे यूपी की जनता को प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा भरोसा है कि वह प्रदेश का विकास समानता के आधार पर करेंगे तथा प्रदेश की जनता को भव्य राम मंदिर के साथ उनके सपनों के अनुरूप विकास भी करेंगे।

प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट भी कर दिया है कि उनकी सरकार का मूलमंत्र सबका साथ सबका विकास तो होगा ही साथ ही यह सरकार समानता के साथ चलेगी। वर्तमान भाजपा सरकार मे किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं किया जायेगा। लोगों को यह कतई अनुमान नहीं था कि पीएम मोदी इतना बड़ा दांव खेलकर सबको एक बार फिर चैंकाने जा रहे हैं। वहीं इस बात की भी संभावना नहीं थी कि प्रदेश को दो उपमुख्यमंत्रियों की आवश्यकता आ पड़ेगी। माना जा रहा है कि योगी आदितयनाथ के सहारे जहां हिंदुत्व के एजेंडे को आगे आने वाले दिनों में धार दी जायेगी, वहीं प्रदेश में एक संत के शासन के सहारे समाजिक समरसता का वातावरण तैयार करके सबका साथ सबका विकास के नारे को चरितार्थ करके 2019 के लिए मार्ग प्रशस्त किया जायेगा।

योगी आदित्यनाथ वैसे तो हिंदुत्व की राजनीति के नायक तो हैं ही लेकिन यह भी देखना होगा कि बुरी से बुरी हालत में भी वे गोरखपुर से लगातार पांच बार सांसद बनकर आ रहे हैं तथा उनका अपना एक जातिगत, सामाजिक तथा धार्मिक आधार पर राजनैतिक महत्व भी है वे एक बड़े नेता हंै। पूर्वांचल की राजनीति में उनका एक मजबूत आधार है। प्रदेश में बहुसंख्यक हिंदू समाज व संत समाज में भी इस बात का संदेश गया है कि अब प्रदेश में हिंदू समाज के पर्वों के दौरान जिस प्रकार का भेदभाव किया जाता था, कम से कम वह अब इस नयी सरकार में नहीं होगा। हिंदुओं के धार्मिक स्थलों का भी पर्यटन के आधर पर पर्याप्त विकास होगा। अयोध्या, मथुरा व काशी का पर्याप्त विकास होगा तथा पर्यटन के क्षेत्र में उनको उचित स्थान मिल सकेगा। अब इस बात की भी प्रबल संभावना हो गयी है कि जिस प्रकार से हिंदू समाज को दबाया जा रहा था तथा गांवों में हिंदू समाज की बहू-बेटियों के साथ अत्याचार हो रहें थे उनके साथ छेड़छाड़ व गैंगरेप आदि की वारदातेें घटित हो रही थीं, उन पर लगाम लगेगी। पिछली सरकारों में कानून व्यवस्था के कई ऐसे मामले सामने आये थे जिनमें एक विशेष वर्ग का तुष्टीेकरण किया जा रहा था उस पर अब लगाम लगेगी।

योगी आदित्यनाथ की अभी तक की छवि कटटर हिंदूवादी की रही है। अब वह अपनी कटटर हिंदूवादी छवि से हटकर किस प्रकार से प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाते हैं यह तो आने वाला समय बतायेगा। लेकिन वर्तमान में प्रदेश में एक अभूतपूर्व बदलाव की बयार बह रही है। जनमानस को उसका संकेत मिलने भी लगा है। चारों तरफ खुशी का वातावरण छाया हुआ है।

उप्र के युवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ लेने के साथ ही दो उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य व लखनऊ के महापौर डा. दिनेश शर्मा को उपमुख्यमंमत्रंी पद की शपथ दिलायी गयी। उनके साथ 22 कैबिनेट मंत्रियों सहित 13 राज्यमंत्रियों व नौ स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को भी पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी गयी। प्रदेश के राजनैतिक इतिहास में योगी मंत्रिपरिषद ऐसी पहली मंत्रिपरिषद है जो पूरी तरह से बेदाग है। यह मंत्रिपरिषद नये और पुराने चेहरों का सम्मिश्रण है। मंत्रिपरिषद के गठन में जातीय व क्षेत्रीय संतुलन का शानदार तरीके से प्रयोग किया गया है। मंत्रिपरिषद में महिलाओं को भी समुचित स्थान दिया गया है। मंत्रिपरिषद में सहयोगी दलों को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिला है। मंत्रिपरिषद में जूनियर और सीनियर का भी पर्याप्त ध्यान रखा साथ ही अनुभवी तथा अनुभवहीन दोनों तरह के लोगों को पर्याप्त स्थान दिया गया है। मंत्रिपरिषद में सबसे बड़ी बात यह सामने आयी है कि जब भाजपा की किसी भी मुस्लिम को अपना उम्मीदवार नहीं बनाने की बात कही गयी थी तब भाजपा ने योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में शपथ ले रही मंत्रिपरिषद में राजधानी लखनऊ के युवा शिया मुस्लिम पूर्व रणजी क्रिकेट खिलाड़ी मोहसिन रजा को मंत्री बनाकर सभी विरोधियों को एक बार फिर चैकाने का काम किया है। वहीं मुस्लिम समाज को एक संदेश यह भी दिया है कि यह सरकार उनकी भी है तथा मुस्लिम समाज की सबसे अधिक सुरक्षा भाजपा सरकार में ही हो सकती है।

संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंत्रिपरिषद ईमानदार और कर्मठ तथा साफ सुथरी छवि वाला है। मंत्रिपरिषद समाज के सभी वर्गों, जातियों, धर्मो का संतुलित प्रतिनिधित्व कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वैसे भी अपने शुरूआती सामाजिक व राजनैतिक सफर में सामाजिक समरसता के पक्षधर रहे हैं। योगी के गुरू ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ ने हिंदू समाज मे व्याप्त ऊंच-नीच की भावना को समाप्त करने के लिए उन्होनें खिचड़ी भोज का प्रारम्भ किया था। खिचड़ी भोज का पूर्वांचल के दूरदराज के इलाकों मे आयोजन होता था। बाद में इस अभियान में स्वयं योगी भी शामिल होने लगे तथा उनकी परम्परा को और विस्तार दिया। सांसद के रूप में भी योगी जी ने हिंदुत्व के साथ विकास के एजेंडे को अपनाया। आज योगी जी की मंत्रिपरिषद में उसी छवि के दर्शन हो रहे हैं। मंत्रिपरिषद के सहारे हिंदुत्व के साथ विकास के एजेंडे का विस्तार किया गया है।

उप्र में योगी आदित्यनाथ के मुख्यंमत्री बनने के बाद सोशल मीडिया में जमकर बहसबाजी व चर्चा हो रही है। टिवटर व फेसबुक पर योगी जी के समर्थक व विरोधी आमने-सामने हो गये हैं। शपथग्रहण समाप्त हो जाने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने पहलें ट्विट में कहा कि ”अब उप्र में रिकार्ड विकास होगा।“ युवा लेखक चेतन भगत ने भी अपने फेसबुक पोस्ट में योगी को मुख्यमंत्री बनाने का स्वागत किया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है कि जो लोग आज योगी का विरोध कर रहे हैं वही लोग एक दिन उनको पीएम भी बना देंगे। शपथग्रहण समारोह के बाद केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने केंद्र में मोदी और उप्र में योगी को 21वीं सदी की एक बड़ी ऐतिहासिक घटना बताया है। वहीं दूसरी ओर लोग यह भी लिख रहे हैं कि अब उत्तर प्रदेश में राम का राज्य भी आ गया है और वास्तविक विकास भी होगा। यह भी दावा किया जा रहा है कि भाजपा सरकार विकास से वंचित उप्र को देश का सबसे अग्रणी व उत्तम राज्य बनायेगी। भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी का कहना है कि “योगी पढ़े लिखे बेदाग व ईमानदार नौजवान हैं। वे यूपी के सर्वश्रेष्ठ सीएम साबित होंगे।”

मृत्युंजय दीक्षित