बाल कविता

2. प्रार्थना

(बाल काव्य सुमन संग्रह से)

 

सर्वशक्तिमान दाता, प्रेममय संसार दो,
वाणी में हो मधुरता, मन में मृदुलता-सार हो.

 
आयु की रक्षा करो प्रभु, प्राण की रक्षा करो,
ध्यान की रक्षा करो प्रभु, ज्ञान की रक्षा करो.

 
आत्मा आलोकमय, आनंद की झंकार हो,
साधना हो पूर्ण दाता, स्नेह-सिक्त बयार हो.

 
तन में शक्ति दो प्रभु, मन में सुहानी भक्ति दो,
साथ जग के चल सकें, ऐसी हमें प्रभु युक्ति दो.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244