कविता

दोस्ती

जिनकी नीयत होती है साफ़,
उनके दिल में हम धडकते हैं ,
जिनकी नीयत में खोट है
उनकी आँखों में हम खटकते हैं,
सावन की बहार आ जाती है चुपके चुपके
जो गरजते हैं वह बादल कब बरसते हैं,
जिन्हें आता है प्यार करने का सलीका
उनकी आँखों से दोस्ती के नीर बरसते हैं ,
सच्चे दोस्त को वो कभी आज़माते नहीं,
वह दोस्त तो बस मिलने को ही तरसते हैं,
वो जो बातें सिर्फ चिकनी चुपड़ी करते हैं,
अपने राह पे अपने आप ही फिसलते हैं,
खुदा का खौफ रख, वो सबकुछ देखता है,
सच्चे वफादार ही उसकी रहमत से पनपते हैं

— जय प्रकाश भाटिया
२५/३/२०१५

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845