राजनीति

एक्शन में योगी, जनमानस में खुशी की लहर

उप्र में योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालने के बाद उनकी प्रशासनिक क्षमता व चुनाव संकल्प पत्र में व पीएम मोदी की जनसभाओं में किये जाने वाले वायदों की अग्निपरीक्षा का दौर भी प्रारम्भ हो गया है। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ पूरी तरह से ऐक्शन मंें आ गये हैं। सीएम योगी ने पीएम नरेंद्र मोदी के नक्शे कदम पर चलते हुए अपना काम शुरू किया है। सीएम योगी ने पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार ईमानदारी, समानता व स्पष्ट इरादों के साथ चलेगी। उनकी सरकार में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जायेगा। भाजपा के चुनावी वादों पर प्रशासनिक महकमों ने काम शुरू भी कर दिया है। सीएम योगी ने पहले ही दिन प्रदेश सरकार के मंत्रियों व अफसरों से उनकी संपत्ति का ब्यौरा मांग लिया है। सरकार का पहला सबसे बड़ा प्रहार अवैध रूप से संचालित किये जा रहे बूचड़खानों पर हुआ है तथा जिसका अब राजनैतिक, सामाजिक व आर्थिक प्रभाव दिखने लगा है। बूचड़खानों को लेकर मुस्लिमपरस्ती की राजनीति प्रारम्भ हो गयी है।
वहीं दूसरा प्रहार एंटी रोमियो का है। यह एक बहुत ही बड़ा सामाजिक सुधार का कार्यक्रम है। इस अभियान से प्रदेश की स्कूल व आॅफिस जाने वाली युवतियों व छात्राओं में नये सिरे से आत्मविश्वास का भाव जगा है तथा उनको यह लगने लगा है कि अब कम से कम राह चलते समय कोई छेड़खानी या फिर अन्य किसी प्रकार की वारदात तो उनके साथ नहीं होगी। एंटी रोमियो अभियान एक प्रकार से स्कूलों व कालेजों के बाहर खड़े रहने वाले आवारा असामाजिक तत्वों के खिलाफ है। प्रदेश भर में अराजक तत्वों ने आफत मचा रखी थी। इसी कारणवश प्रदेश भर की सैकड़ों लड़कियों ने स्कूल जाना बंद कर दिया था। लेकिन इस पर भी खूब राजनीति हो रही है।
जबकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने गोरखपुर दौरे में साफ कर दिया है कि केवल वे ही बूचड़खाने बंद किये जा रहे हैं जो पूरी तरह से अवैध हैं। अब तक प्रदेशभर में 300 से भी अधिक दुकानें बंद हो चुकी हैं। साथ ही बूचड़खानों के बंद होने से मीट की दुकानों को बंद होना पड़ गया है। राजधानी लखनऊ स्थित प्रसिद्ध टुंडे कबाबी की दुकान पर उसके लम्बे इतिहास में पहली बार ताला पड़ गया। कारण बताया गया कि कच्चा माल न मिल पाने के कारण दुकान को बंद किया गया है। प्रदेश सरकार ने गौवध व गौतस्करी के खिलाफ भी महाभियान शुरू कर दिया है। जगह-जगह पुलिस अफसरों ने अपना गुडवर्क दिखाने का काम भी शुरू कर दिया है। अवैध बूचड़खानों के बंद हो जाने के बाद गौवध पर की जा रही छापामारी से गौमांस निर्यातकों में अफरा-तफरी व घबराहट का वातावरण पैदा हो गया है जिसके कारण अब इन लोगों ने मीट की दुकानों की हड़ताल करवाकर अपनी मुस्लिमपरस्त राजनीति का खेल शुरू कर दिया है। अब यह कहा जा रहा है कि अवैध बूचड़खानों के बंद होने से लोगों की रोजी-रोटी छीनी जा रही है, बेरोजगारी बढ़ रही है, जो लोग बेरोजगार हो रहे हैं सरकार उन लोगों को मुआवजा दे, रोजगार उपलब्ध कराये आदि आदि।
बूचड़खाने बंद किये जाने से यह साफ हो गया है कि इनकी आड़ में बहुत कुछ असामाजिक काम हो रहे थे। जिसमें सबसे बड़ी बात यह है कि इन बूचड़खानों से गौमांस की तस्करी भी पर्याप्त मात्रा में हो रही थी तथा गौभक्त व गौसेवक सीएम के रहते आखिर गाय व दुधारू पशुओं पर अत्याचार क्यों हो। अब समय आ गया है कि गौवध व गौतस्करी पर कड़ाई से लगाम लगाने के लिये कड़ा कानून बनाया जाये। भाजपा सांसद व नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने गौवध पर एक विधेयक का प्रारूप भी सदन के पटल पर पेश किया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ अब हर रोज कोई न कोई दिशानिर्देश अपने मंत्रियों को दे रहे हैं तथा पुरानी सरकारों की योजनाओं की समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने गोरखपुर दौरे में साफ ऐलान कर दिया है कि जिन लोगों को 18-20 घंटे काम करना हो वहीं लोग उनके साथ रहें तथा उन्होनें यह भी ऐलान कर दिया है कि गुंडे व असामाजिक तत्व या तो सुधर जायें या फिर प्रदेश छोड़कर चले जायें। सीएम इस बात के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है कि वह प्रदेश का भेदभाव रहित विकास करेंगे और सभी वर्गो को न्याय मिलेगा। इस पर अमल भी प्रारम्भ हो गया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि किसी का भी किसी भी प्रकार से तुष्टीकरण नहीं किया जायेगा।
अपने गोरखुपर दौरे में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने हज यात्रियों को दी जाने वाली सहायता राशि व हज हाउस के मुकाबले में ही पूर्ण रूप से स्वस्थ्य जो व्यक्ति कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाना चाहते हैं उनको एक लाख की सहायता राशि देने व कैलाश मानसरोवर भवन बनाने का भी ऐलान कर दिया है। सीएम योगी ने नई प्रकार के व्यवहार व कार्यशैली को अपना लिया हैं। वे पीएम मोदी के दिशा निर्देशों पर ही चल पड़े हैं, लेकिन अपनी पार्टी का संकल्प लागू करने के लिए पूरी तरह से संकल्पित नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि उन्होंने पीएम मोदी की तरह सभी अफसरों से समय से कार्यालय पहुँचने का आदेश तो दिया ही, साथ ही हर शुक्रवार को स्वच्छता अभियान चलाने का भी आदेश दिया है तथा सभी को शपथ भी दिलवायी है।
यही कारण है कि आज प्रदेश की अफसरशाही में हड़कम्प मचा हुआ है। अधिकारियों को कुछ समझ में नहीं आ रहा है। हालांकि अभी प्रदेश कैबिनेट की पहली बैठक का इंतजार किया जा रहा है लेकिन इसके विपरीत प्रदेश के सभी मंत्रालयों को कड़े निर्देश अवश्य जारी किये जा रहे हैं। चाहे वह बात बिजली, पानी की हो या फिर सड़क, अस्पताल, स्कूल-कालेजों की। सभी जगह व्यवस्थाओं को चाक-चैबंद बनाने के निर्देश जारी किये जा रहे हैं। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार से अब कोई समझौता नहीं होगा, साथ ही उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि अब हम 14 साल के भ्रष्टाचार का पूरा हिसाब लेकर रहेंगे, जिसके कारण पूरे प्रदेश में विरोधियों के होश उड़ गये हैं।
मुख्यमंत्री योगी पूरी तरह से एक्शन में हैं। यह उन्हीं के ऐक्शन का कमाल है कि आज प्रदेशभर के थानों व सरकारी कार्यालयों में तथा पर्यटन स्थलों में स्वच्छता अभियान चल पड़ा है। सभी सरकारी कार्यालयों में अधिकारी व कर्मचारी समय पर पहुंचने लग गये हैं। जो नहीं पहुंच रहे, उन पर कार्यवही की जा रही है। आज प्रदेश में बदलाव का वातावरण दिखायी पड़ रहा है। अभी सरकार नयी है, बहुमत भी है तथा जितना बहुमत है उतना ही जोश व उमंग भी है। यही कारण है कि सीएम योगी अपने लोगों व अधिकारियों से कह रहे हैं कि जोश व तेजी के साथ आगे बढ़ना है ओर होश भी रखना है। अब कम से कम प्रदेश में बदलाव की बयार तो दिखने लग गयी है। लेकिन पूरा सुधार दिखने में कुछ समय तो लगेगा ही।
सीएम योगी डेडलाइन तय कर रहे हैं। उन्होंने 1 जून तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का ऐलान तो किया ही है, साथ ही लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट की समीक्षा करते हुए उसका दो किमी तक विस्तार करने और एक मई तक हर हालत में गोमती नदी को स्वच्छ करने का ऐलान किया है। गोमती रिवर फ्रंट की समीक्षा के दौरान उन्होंने अनियमितता पर कड़े तेवर दिखाये। इस बात से साफ संकेत जा रहा है कि पिछली सरकार जो अधूरे निर्माण छोड़ गयी है वह बंद तो नहीं किये जायेंगे, अपितु उनका सुधार और विस्तार किया जायेगा। पुरानी सरकार की अधिकांश भर्तियों पर रोक लग गयी है।
वहीं सबसे बड़ी बात यह भी हुई कि राशन कार्डों पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश का जो कवर लगा है उसको हटाया जा रहा है। एक और बात यह होने जा रही है कि जहां-जहां समाजवाद व लोहिया जैसे शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है वह सब बंद होने जा रहा है। अतः आने वाले समय में प्रदेश में बदलाव और अधिक दिखायी पड़ेगा। सबसे बड़ी बात यह भी होने जा रही है कि अब भाजपा सरकार का कोई भी कानून कहीं पर भी नहीं फंसेगा। सरकार समय-समय पर जनता के हित में कड़े कानून लाने के लिए स्वतंत्र है। वह पान मसाला, गुटखा पर भी बैन लगा सकती है और प्लास्टिक, पाॅलीथिन पर भी। प्रदेश सरकार के पास कानून का राज स्थापित करने के लिए पर्याप्त बहुमत व समय है। अब किसी से क्या डरना केवल जनता जर्नादन को छोड़कर। उसे तो बस 24 घंटे बिजली और विकास ही चाहिये। साथ ही अपराधमुक्त प्रदेश।

मृत्युंजय दीक्षित