राजनीतिलेख

योगी राज में जनता की उम्मीदें

भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता व प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महन्त योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेकर अपना कार्यभार संभाल लिया है । हाल ही संपन्न में हुए विधानसभा चुनावों में मिली विराट बहुमत के बाद पिछले 18 मार्च को विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुन लिया गया और फिर अगले ही दिन अर्थात 19 मार्च 2017 को प्रदेश के राज्यपाल ने उन्हे मुख्यमंत्री के रूप में पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई । अब वे उत्तर प्रदेश के 21 वें मुख्यमंत्री हैं ।

योगी के मुख्यमंत्री बनने से एक ओर जहां पूरे प्रदेश में खुशी की लहर दौड़ गई है वहीं दूसरी ओर अधिकतर गैर एन.डि.ए दलों में हरकंप का माहौल है । अधिकतर विरोधी नेता योगी को मुख्यमंत्री बनाये जाने का विरोध कर रहें हैं । वे भाजपा के इस निर्णय को जनता के साथ धोका बता रहें हैं । उनका मानना है कि योगी को मुख्यमंत्री बनाये जाने से कथित अल्पसंख्यकों में भय का माहौल है । वे उत्तर प्रदेश की नई सरकार से काफी डरे हुये हैं । पर वहीं भाजपा का मानना है कि प्रदेश की नई सरकार जनता की चुनी हुई सरकार है, जो सभी को साथ लेकर प्रदेश के विकाश के लिए कार्य करेगी । वहीं भाजपा समर्थकों की मानें तो योगी सरकार प्रदेश की अब तक की सर्वोत्तम सरकार साबित होगी ।

पर जानकारों की मानें तो प्रदेश में नव गठित योगी सरकार के समक्ष अनेकों चुनौतियां फन उठाये खड़ी हैं, जिनसे निपटना योगी और उनके मंत्रीयों के लिए काफी संघर्षपूर्ण होनेवाला है । जानकार बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में भले ही भारी बहुमत की सरकार बना ली हो, पर अब उस बहुमत की उम्मीदों पर खरा उतरना इस सरकार के लिए उतना ही मुश्किल भरा रहने वाला है ।

राजनैतिक पंडितों के अनुसार प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था दुरुस्त बनाए रखना तथा केंद्रीय नेतृत्व और राज्य के नेताओं के बीच समन्वय बनाये रखना सबसे बड़ी चुनौती होगी; साथ ही करीब डेढ़ दशक बाद सरकार में आई भाजपा के सामने अब वो तमाम मुद्दे भी चुनौती के रूप में सामने आएंगी जिन्हें वह केंद्र और राज्य दोनों जगह पूर्ण बहुमत आने की बात कहकर टालती रही है ।

जानकार बताते हैं कि पिछली अखिलेश सरकार पे हमलावर रही भाजपा ने जिस क़ानून व्यवस्था को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था, प्रदेश की वही ख़राब क़ानून व्यवस्था अब योगी सरकार के लिए सबसे अहम चुनौती बनकर उभरेगी । देश का सबसे बड़ा प्रदेश कहे जानेवाले यूपी में जगह-जगह ज़मीनों के अवैध क़ब्ज़े, हत्या, अपहरण और बलात्कार जैसी घटनाएं घटती रहती हैं और अब नई सरकार को इन सबपे लगाम लगाने की तैयारी करनी होगी, जिससे लोगों में सरकार के प्रति विश्वसनीयता बनी रहे ।

चुनावों के दौरान भाजपा नेतृत्व ने जोर सोर किसानों की कर्ज़माफ़ी का वादा किया था । बल्कि स्वयं अमित शाह ने कई जनसभाओं में किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा था कि सरकार बनते ही कैबिनेट की पहली बैठक में किसानों का कर्ज़ माफ़ कर दिया जाएगा । और अब इस वादे को पूरा करना योगी सरकार के लिए काफी संघर्षपूर्ण रहने की उम्मीद है । इसके साथ ही प्रदेश के युवाओं को रोज़गार देने, प्रदेश को विकशित बनाने के लिए उद्योग लगाने के वायदों को पूरा करना इस भी सरकार के लिए इतना आसान नहीं रहने वाला ।

सरकार बनाने के बाद भारतीय जनता पार्टी को अगर कोई मुद्दा सर्वाधिक परेशान करनेवाला है तो वह है राम मंदिर का मुद्दा । क्योंकि राम मंदिर के नाम से राजनीति करनेवाली भाजपा ने अपने समर्थकों से वादा किया था कि केंद्र और राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने पर वह आयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करेगी । और रामजी की कृपा से अब केंद्र और राज्य दोनों ही जगह भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है और इस लिहाज से उनपे जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण कार्य आरंम्भ करने का दबाव बनेगा ।

नई सरकार के सामने प्रशासनिक अमलों पर नियंत्रण रखने की भी चुनौती बनी रहेगी । नई नवेली योगी सरकार के समक्ष राज्य के तमाम अधिकारियों के साथ तालमेल बनाने और अपनी पसंद के अधिकारियों को अहम जगहों पर तैनात करने की भी चुनौती है । जानकारों का कहना है कि राज्य में ऐसे भी बहुत से अधिकारी हैं जो कि पिछली सरकारों में अपनी स्थिति मज़बूत करने में सफल रहें है, ऐसे में नई सरकार को ऐसे अधिकारियों से सजग रहने की भी जरूरत है ।

वैसे तो चुनौतीयां व समस्याऐं हर व्यक्ति की जीवन में होती हैं और इनका समाधान ढूंढ निकालने वाला ही वास्तविक जीवन में सच्चा योद्धा कहलाता है। और बात जब योगी आदित्यनाथ जैसे व्यक्ति की हो तो आशंका की गुंजाइश ना के बराबर होती है । वैसे भी योगी आदित्यनाथ लगातार पांच बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं और जनता उनपे विश्वास रखती है । हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद से ही उनके समर्थन में सबसे अधिक आवाजें उठीं थी । प्रदेश की एक बड़ी आबादी इस महंत को ही पूरे प्रदेश का महंत बनाये जाने की मांग पर अड़ी हुई थी । ऐसे में भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व व प्रदेश के नव निर्वाचित विधायकों ने भी महंत आदित्यनाथ पर ही अपना भरोसा जताया और उन्हे प्रदेश की बागडोर सौंप दी । इस लिहाज से किसी पूर्वाग्रह के कारण उनपे ऊंगली उठाना अनुचित है ।

घर-परिवार से नाता तोड़ राष्ट्र व समाज सेवा के प्रति समर्पित रहने वाले योगी आदित्यनाथ ने पद संभालते ही भ्रष्टाचार के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया है । उन्होने अपने सभी मंत्रीयों को जल्द से जल्द अपनी पूरी संपत्ति का ब्योरा देने का निर्देश जारी किया है । और उनके इस फैसले से जनता के मन में भ्रष्टाचार से मुक्ति पाने की एक उम्मीद जगी है ।

भगवा वस्त्रधारी योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाये जाने से जहां विपक्षी नेताओं में हाहाकार मचा है, वहीं प्रदेश की जनता के मन में कई तरह की आशाएं व उम्मीदें जगी हैं । अपनी सादगी के लिए जाने जानेवाले महंत आदित्यनाथ ने सांसद रहते हुए भी गोरखपुर की जनता के लिए जनता दरबार लगाए हैं और बिना किसी भेदभाव के सभी की समस्याओं का निपटारा भी किया है । एक राजनेता के रूप में वे सदैव सभी के लिए खड़े रहें हैं । पर वे तुष्टीकरण की राजनीति के खिलाफ हैं । तुष्टीकरण की राजनीति से प्रभावित हिंदूओं के लिए वे उनकी आवाज बनकर उभरे हैं । पर इसके बावजूद उन्होंने कभी किसी अल्पसंख्यक पे अत्याचार नहीं किया और नाही किसी के साथ कोई बद्तमीजी की है ।

योगी आदित्यनाथ प्रखर राष्ट्रवादी हैं और यही कारण है कि वे देश के खिलाफ बोलने वालों को मुंहतोड़ जवाब देते रहें हैं । उनके जिन बयानों को मीडिया ने विवादित बयान बना दिया है अगर उनकी गहराई में जायें तो पता चलता है कि वे कहीं से भी विवादित नहीं हैं बल्कि वास्तविक हैं ।

उनके बयानों पर एक नजर दौराया जाये तो
यूपी चुनाव में प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी की कार्यशैली पर प्रश्न उठाते हुये कहा था कि अगर यूपी में समाजवादी पार्टी जीतेगी तो कर्बला-कब्रिस्तान बनेंगे, जबकि भाजपा की सरकार बनी तो अयोध्या में राम मंदिर बनेगा।

उन्होने हिंदूओं पे हो रहे हमलों का विरोध करते हुए कहा था कि मक्का में गैर मुस्लिम नहीं जा सकता है, वेटिकन सिटी में गैर ईसाई नहीं जा सकता है पर हमारे यहां कोई भी आ सकता है और यही कारण है कि हिन्दूओं पे हमले बढ़ रहें हैं ।

भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहे योग का विरोध करने वालों का विरोध करते हुए योगी ने कहा था कि जो लोग योग का विरोध कर रहे हैं उन्‍हें भारत छोड़ देना चाहिए। उन्होंने ने सूर्य नमस्‍कार का विरोध करने वालों को भी जवाब देते हुए कहा था कि जो लोग सूर्य को नहीं मानते उन्‍हें समुद्र में डूब जाना चाहिए अथवा अंधेर कोठरी में छुप जाना चाहिये ।

इसी तरह चंद विवादित बयानों के लिए मीडिया द्वारा कुख्यात बना दिये गये योगी आदित्यनाथ वास्तव में भ्रष्टाचार, अनीति के खिलाफ सख्ती से खड़े रहने वाले व्यक्ति हैं । वे एक अनुशासित योगी हैं और इस लिहाज से उनके शासनकाल में आम लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद अधिक बढ़ जाती है । लोगों की उनसे ढेर सारी उम्मीदें हैं । और हमें बिश्वास है कि योगी उत्तर प्रदेश के लिए एक अच्छे महंत साबित होंगे । वे उत्तर प्रदेश को बुलंदियों तक ले जायेंगे और उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकाश की नई परिभाषाएं लिखने में सक्षम होगा ।

मुकेश सिंह
सिलापथार,असम

मुकेश सिंह

परिचय: अपनी पसंद को लेखनी बनाने वाले मुकेश सिंह असम के सिलापथार में बसे हुए हैंl आपका जन्म १९८८ में हुआ हैl शिक्षा स्नातक(राजनीति विज्ञान) है और अब तक विभिन्न राष्ट्रीय-प्रादेशिक पत्र-पत्रिकाओं में अस्सी से अधिक कविताएं व अनेक लेख प्रकाशित हुए हैंl तीन ई-बुक्स भी प्रकाशित हुई हैं। आप अलग-अलग मुद्दों पर कलम चलाते रहते हैंl