कविता – दीपक
एक दीपक जलाया है मैंने प्रेम का आशा का उम्मीदों का मिटाता रहेगा भीतर का अंधियारा तब तक जब तक
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Read Moreअभी हाल ही में पाकिस्तान में शिक्षा के गिरते स्तर पर वहां एक आवाज़ मुखर हुई है. मदरसों के बाद
Read Moreहाँ ! तुमने ठीक कहा ! मैं वैश्या हूँ । लेकिन क्या कभी तुमने यह भी सोचा है कि हम
Read Moreहिंदी साहित्य के उत्थान के लिए आओ आज नववर्ष के इस पावन दिवस पर प्रण लें कि हम आज से
Read More1 ज्ञान ध्यान दे सुसंज्ञान दे, शक्ति-भक्ति का विधि-विधान दे. माया, साया संग निरोगी काया दे पर निरभिमान दे. वंश-वृद्धि
Read Moreउप्र में योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालने के बाद उनकी प्रशासनिक क्षमता व चुनाव संकल्प पत्र में व पीएम मोदी
Read Moreजय माता दी भजन-1. तर्ज़-(दे-दे जोगिया मैं तो यही वर चाहूं—–) शेरांवाली मां हमको तेरा ही सहारा तेरा ही सहारा
Read Moreऋग्वेद के अनुसार आदिकालीन मानव के मुँह से ब्राह्मण, भुजाओं से क्षत्रिय, जाँघों से वैश्य और पैरों से शूद्र की
Read Moreरतन की खोज में हमने, खँगाला था समन्दर को इरादों की बुलन्दी से, बदल डाला मुकद्दर को लगी दिल में
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