बाल कविता

40.चौराहे की तीन बत्तियों से शिक्षा

(बाल काव्य सुमन संग्रह से)

चौराहे की बत्तियां तीन,
गुण भी इनके गिन लो तीन,
अलग-अलग रंगों वाली ये,
देती हैं संदेश भी तीन.

‘ठहरो’ कहती बत्ती लाल,

कर लो थोड़ा-सा आराम,
माना चलते रहना जीवन,
फिर भी ज़रूरी है आराम.

पीली बत्ती कहती है अब,
चलने को रहना होशियार,
अच्छा मानव हरदम रहता,
चलते रहने को तैयार.

हरी घास-सी बत्ती कहती,
‘अब चल दो और पहुंचो पार,
लेकिन चलना संभल-संभलकर,
टकरें ना वाहन दो-चार.

अच्छी शिक्षा मिले जहां से,
उसको लेना बढ़के,
छोटे-बड़े या चर-अचर से,
शिक्षा ले लो जी भर के.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244