कुण्डली/छंद

बीजू के छक्के

दिल्ली वालों ने किया है कुछ पश्चात्ताप।
कजरी को दे वोट जो किया गया था पाप॥
किया गया था पाप, विकास सब पीछे छूटा।
नौटंकी नित नई देख दिल उनका टूटा॥
‘बीजू’ कोई नहीं उड़ायेगा अब खिल्ली।
फिर विकास के रास्ते पर निकलेगी दिल्ली॥

कजरी जी फिर रो रहे ईवीएम को हाय।
बटन दबाओ कोई भी, मत बीजेपी को जाय॥
बीजेपी को जाय, बुद्धि ने चक्कर खाया।
समझ नहीं कुछ आय, करूँ क्या अब मैं भाया॥
कह ‘बीजू’ झाड़ू की इज्जत सारी बिगड़ी।
देखना है आत्महत्या ना कर डाले कजरी॥

बीजू ब्रजवासी