ब्लॉग/परिचर्चा

जन्मदिन मुबारक — रविंदर सूदन भाई साहब !

प्रिय प्रेरक पाठकों !  यूँ तो जन्मदिन मनाने का हर किसी का अपना एक अलग ही अंदाज होता है । हर कोई यह कोशिश अवश्य करता है कि आज कुछ ऐसा किया जाए कि यह दिन खास हो जाये । क्या आम और क्या खास । सभी की यही कोशिश होती है । अब खास से याद आया हमारे प्रिय प्रधानमंत्री मोदीजी ने भी अपना 66 वां जन्मदिन यादगार तरीके से मनाया था और इस समारोह में कई नायाब कीर्तिमान स्थापित हुए । खैर वो हमारे देश के माननीय व आदरणीय प्रधानमंत्री हैं जिनसे असंख्य लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं सो वह समारोह तो भव्य और यादगार होना ही था । लेकिन हम जैसे कुछ आम लोग भी इस खास दिन पर अपनी तरह का कुछ न कुछ अलग हटकर करने का प्रयास करते हैं जिससे कि यह दिन भी यादगार हो जाये ।
 तरह तरह के लोग विभिन्न तरीकों से इस दिन को खास बनाने की जुगत लगाते हैं । पैसे वाले पानी की तरह पैसा बहा देते हैं । प्रसिद्ध चेहरों के यहां प्रसिद्ध लोगों के जमावड़े लग जाते है लेकिन भैया हम न तो कोई सेलिब्रिटी हैं और न ही कुबेर के उत्तराधिकारी जो इन महान हस्तियों का समय खरीदकर उन्हें अपने यहां नचा सकें । आप लोग तो जानते ही हैं हम ठहरे एक अदने से टुटपुंजिया लेखक जो अभी तक एक लेखक के रूप में खुद के द्वारा स्वीकृत किये जाने को तरस रहा है ।
 इसी कड़ी में आज एक और सुअवसर हमें मिला है एक नायाब लेखक और जिंदादिल व सहृदय इंसान एक सुलझे हुए व्यक्तित्व के स्वामी आदरणीय श्री रविंदर सूदन भाईसाहब का 68 वां जन्मदिवस मनाने का । जी हाँ ! आज आदरणीय श्री रविंदर जी भाईसाहब का जन्मदिवस है ।
इस शुभ अवसर पर जय विजय व अपना ब्लॉग के सभी पाठकों व रचनाकारों की तरफ से श्री रविंदर भाई जी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं । शुभकामनाओं का यह दौर तो आज दिन भर चलते ही रहेगा तनिक पहले आदरणीय श्री रविंदर भाई जी का संक्षिप्त परिचय हो जाये ।
 यूँ तो आदरणीय रविंदर भाईसाहब जय विजय और अपना ब्लॉग के पाठकों के लिए अपरिचित नहीं हैं । उनकी शानदार जानदार प्रतिक्रियाओं से शुरू हुआ सफर उनकी शानदार साहित्यिक रचनाओं तक आ पहुंचा है जिसका रसास्वादन हम सभी पाठक कर चुके हैं ।
 आदरणीय लीला बहनजी के ब्लॉग रस लीला पर रविंदर भाईजी ने जनवरी 2017 से प्रतिक्रियाएं लिखनी शुरू की । इनकी लाजवाब और सोचने पर मजबूर करनेवाली प्रतिक्रियाएं पढ़कर हमें भी अनुपम आनंद का अनुभव होता था । लेकिन प्रतिक्रिया  लिखकर अपनी भावनाएं व्यक्त करनेवाले एक सामान्य पाठक से अधिक हम लोग इनके बारे में नहीं जानते थे ।
 तभी 25 जनवरी 2017 को लीला बहनजी ने जय विजय पर एक लेख प्रकाशित करते हुए आपका धमाकेदार परिचय पाठकों से कराते हुए आपकी उत्कृष्ट लेखन प्रतिभा का नमूना लोगों के समक्ष रखा । इस रचना का शीर्षक था ‘ अच्छा इंसान ‘ .
 इस रचना ने प्रकाशित होते ही पाठकों के दिलों में रविंदर भाई जी के लिए स्थायी निवास का इंतजाम कर दिया । पाठकों ने दिल खोलकर इस रचना की और ऐसी शख्सियत से लोगों को परिचित कराने के लीला बहन के अनुपम प्रयास की जी भर के तारीफ की ।
इसके बाद ही भाईसाहब का साहित्यिक सफर जय विजय के मंच पर शुरू हो गया और उन्होंने कई नायाब रचनाये पाठकों के समक्ष रखीं और सबकी मुक्त कंठ से वाहवाही बटोरी । उनकी रचनाओं में ‘ उसकी कहानी ‘ शीर्षक से प्रकाशित कुल छह कड़ियाँ काफी नायाब बन पड़ी हैं । इन कड़ियों को पढ़कर जहां उनकी आध्यात्मिक रुचि का पता चलता है वहीं इस भयंकर बीमारी की चपेट में आकर भी उनके कमाल के साहस ‘ निर्भीकता और स्पष्टवादिता का भी पता चलता है ।
 पाठकों के प्रोत्साहन से उत्साहित रविंदर भाई जी ने अपना ब्लॉग में भी अपनी रचनाये प्रकाशित करनी शुरू कर दीं । यहां भी पाठकों का असीम प्यार और समर्थन उनके हिस्से में आया ।
 आज उनके जीवन सफर के इस अडसठवें पड़ाव की शुभ बेला पर हमारी ईश्वर से उनके लिए प्रार्थना है कि वह आदरणीय भाईसाहब रविंदर जी को अच्छी सेहत का वरदान देते हुए उन्हें सभी परेशानियों और तकलीफों से दूर रखें ताकि वह जी जान से पूरे मनोयोग व अपनी सम्पूर्ण क्षमता से साहित्य साधना में रमे रहें और उनके पाठक उनकी अनमोल कृतियों का वाचन कर उनसे लाभान्वित हो सकें ।
 एक बार पुनः दिल से आदरणीय भाईसाहब ! आपको जय विजय व अपना ब्लॉग के पाठकों व रचनाकारों की तरफ से  इस शुभ अवसर पर जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।

*राजकुमार कांदु

मुंबई के नजदीक मेरी रिहाइश । लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश ।