बाल कहानी

सहयोग

एक पेड़ पर एक चिड़िया रहती थी. उसका नाम चिंकी था. उसी पेड़ की जड़ के पास एक चूहे का बिल था. उसका नाम मिंकू था. चिंकी और मिंकू की दोस्ती पक्की थी. चिंकी सुबह-सवेरे उठकर मिंकू चूहे को ‘Good morning मिंकू भाई’ कहती. मिंकू चूहा भी खुश होकर कहता- ‘Have a great day चिंकी बहिन’. वे समय-समय पर एक-दूसरे की सहायता किया करते थे. कभी मिंकू को खाने को कुछ न मिलता, तो चिंकी से जो कुछ बन पड़ता था, उसके लिए करती थी. मिंकू भी चिंकी की सहायता किया करता था. कई बार उसने चिंकी की अनुपस्थिति में उसके अंडों-बच्चों की निगरानी की थी. वे चुटकुले और मस्त समाचार सुनाकर एक-दूसरे को हंसाते भी रहते थे और खुश रहते थे.

तपती गर्मी और लू का मौसम था. एक बार चिंकी को कहीं पीने को पानी नहीं मिल रहा था. प्यास से उसका गला सूखा जा रहा था. मिंकू को बहुत चिंता हो गई. पेड़ के पास ही एक हैंड पम्प था. चिंकी ने उससे बार-बार चोंच गीली करने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली. मिंकू ने देखा, तो समझ गया कि चिंकी को बहुत प्यास लगी है. उसके मन में चिंकी की मदद करने का एक उपाय सूझा. वह हैंड पम्प पर चढ़ गया और हैंड पम्प को चलाने लगा. खूब पानी आने लगा. चिंकी ने जी भरकर पानी पिया और अपनी प्यास बुझाई. चिंकी ने अपने मित्र को सहयोग के लिए शुक्रिया कहा. तब मिंकू ने हैंड पम्प चलाना बंद कर दिया, ताकि पानी व्यर्थ न जाए.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244