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बुद्ध के मार्ग पर ही मिलेगा मुक्ति का मार्ग : भंते बोधि रतन

लखनऊ। भारत में मानवता और विश्व कल्याण के लिए दुनिया को बुद्ध का मार्ग दिखाया है। हिंसा, प्रतिहिंसा से किसी भी समस्या का निदान संभव नहीं है। विश्व इस समय तृतीय विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़ा है। ऐसे में समय की मांग है कि बुद्ध को अंगीकार कर प्राणिमात्र के सुरक्षित किया जाए। उक्त बातें उत्तर प्रदेश इंजीनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे राजेंद्र मोहन सक्सेना ने भगवान बुद्ध जयंती की पूर्व संध्या पर कहीं। वह जियामऊ स्थित अधीश समृति सभागार में सामाजिक समरसता विभाग एवं भारतीय विचार केंद्र अवध प्रांत के ओर से आयोजित भगवान बुद्ध और उनका धम्म विषयक संगोष्ठी में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि बुद्ध का धम्म कहता है कि प्राणिमात्र के कल्याण के बग़ैर हमारी सारी पूजा और कर्मकांड व्यर्थ हैं। मन, वचन और कर्म से भी किसी के प्रति बैर भाव रहित हो जाना ही असली धम्म है। बुद्ध कहते हैं कि समरस समाज बनाए बिना वास्तविक धर्म की कल्पना भी नहीं की जा सकती। मुख्य अतिथि रहे राष्ट्रधर्म प्रकाशन के निदेशक सुरेश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि दीनदयाल के अंत्योदय, विनोबा के सर्वोदय और गांधी के ग्रामोदय से पहले का चिंतन बुद्ध का है। उन्होंने बहुत पहले ही जीव मात्र के कल्याण को धर्म का मूलमंत्र माना था।
संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि भंते बोधि रतन ने कहा कि नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की जोड़ी ही भारत को विश्वगुरु बनाएगी। उन्होंने कहा कि दिनों ही सरकारें बुद्ध के मार्ग पर दुनिया को आगे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। सामाजिक समरसता विभाग के प्रांतीय संयोजक राजेंद्र ने भगवान बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह जन्मजात करुणा, दया और अहिंसा की प्रतिमूर्ति रहे। उनका सम्पूर्ण जीवन सत्य की खोज और मानव कल्याण के लिए विविध प्रकार से उपदेश देने में बीता। बुद्ध ने पंचशील का सिद्धांत दिया जिसमें हिंसा न करना, चोरी न करना, असत्य न बोलना, व्यभिचार न करना तथा मदिरा सेवन न करनाशामिल है।
राष्ट्रधर्म पत्रिका से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार सर्वेश सिंह ने कहा कि दुख की वजह मन है और आत्मा उसका निग्रह। इसलिए आत्मा की आवाज़ को सुनकर निर्णय लेने की ज़रूरत है। अन्य वक्ताओं में उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिंह सूर्यवंशी और क्षत्रिय महासभा के भानु प्रताप सिंह ने भी अपने विचार रखे। संगोष्ठी का संचालन वरिष्ठ पत्रकार, भारत रक्षा मंच के प्रांतीय संयोजक और सामाजिक समरसता विभाग के प्रांतीय टोली के सदस्य अरुण कुमार सिंह ने किया। वहीं, सामाजिक समरसता विभाग के सह संयोजक डॉ. दुर्गेश ने अतिथियों का आभार जताया।
प्रस्तुति – अतुल मोहन सिंह