कविता

ये मेरे अक्षर..!

सौरभ के नहीं ये अक्षर, मैले जीवन का है ।
धूलि-धूसरित होते हैं, ये अभाग्यों का है ।।
हंसी खुशी इसमें नहीं, ये सिर का बोझ है ।
पीड़ामय जीवगति में, अश्रुजल का वेज़ है ।।
रस,सरस,उल्लास इसमें,होता कहीं नहीं रे ।
कुचले-दीन-दुःखितों का, कारूणिक रूप अरे! ।।
वेदनामय गाथा है, उपेक्षित जिंदगी का ।
कुटिल तंत्र के जाल में, सिकुड़े इंसान का ।।
वास्तविकता के पथ में, ये हैं बढ़ते कदम ।
मनो दीक्षाभूमि में, इंसान का दर्शनम ।।

पी. रवींद्रनाथ

ओहदा : पाठशाला सहायक (हिंदी), शैक्षिक योग्यताएँ : एम .ए .(हिंदी,अंग्रेजी)., एम.फिल (हिंदी), पी.एच.डी. शोधार्थी एस.वी.यूनिवर्सिटी तिरूपति। कार्यस्थान। : जिला परिषत् उन्नत पाठशाला, वेंकटराजु पल्ले, चिट्वेल मंडल कड़पा जिला ,आँ.प्र.516110 प्रकाशित कृतियाँ : वेदना के शूल कविता संग्रह। विभिन्न पत्रिकाओं में दस से अधिक आलेख । प्रवृत्ति : कविता ,कहानी लिखना, तेलुगु और हिंदी में । डॉ.सर्वेपल्लि राधाकृष्णन राष्ट्रीय उत्तम अध्यापक पुरस्कार प्राप्त एवं नेशनल एक्शलेन्सी अवार्ड। वेदना के शूल कविता संग्रह के लिए सूरजपाल साहित्य सम्मान।