मुक्तक/दोहा

मुक्तक

सरसी छंद आधारित मुक्तक…….
मात्रा भार- 27, 16,11 पर यति, समान्त- आज, अपदांत

नृपति गए छड़ साज पुराने, राजा रानी राज
स्मृतियों से भरे घराने, वर्णित उनके काज
दिखा रहे हैं झलक पुराने, काल किला परिवार
सिखा रहें हैं ढ़ाल उठाओ, पहने मेरे ताज।।

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ