प्यारे बच्चो, नेक बनो
एक बनो, एक बनो, प्यारे बच्चो, नेक बनो. जब भी शाला से घर आओ, सब चीज़ें करीने से लगाओ. जूते
Read Moreएक बनो, एक बनो, प्यारे बच्चो, नेक बनो. जब भी शाला से घर आओ, सब चीज़ें करीने से लगाओ. जूते
Read Moreदिल भी टूटा था दोनों का, मालूम तुमको भी था, और मालूम हमको भी था तुमने भी कुछ खोया था
Read Moreकिए हैं त्याग सदियों से यही बस काम पाया है सदा सहना औ चुप रहना यही मेरे नाम आया है
Read Moreअभी अभी सुना कि एक और हृदयविशालिता की देवी बिछलाकर अपने ही आँगन में गिर गई। टूट गई उसकी वो
Read Moreगीत काव्य, मात्रा भार- 14, नदिया किनारे गाँव रे कहीं ऊँच कहीं खाँव रे चकवी चकवा गुटुरावें झुंगी झाड़ी झनकाव
Read More1 मई अन्त. मजदूर दिवस पर लाल बिहारी लाल के कुछ दोहे दुनिया के हर काम को,देते सदा अंजाम।
Read Moreवो मजे में चूर हैं, बस इसलिए मग़रूर हैं हम मजे से दूर हैं, बस इसलिए मजदूर हैं आज भी
Read Moreदीवाली का दिन था। हर तरफ गहमा गहमी थी। भमरा लोग हर साल इसी दिन पार्टी का प्रोग्राम किया करते
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