मुक्तक/दोहा

तेरी मोह्हबत

तेरी यादो में दिन रात
गुजार देता हूँ

जब पास आती हो तो
खुद को भुला देता हूँ

तब भी ना हुआ तुमको
मेरी मोह्हबत का एह्शाश

अब तेरी मोह्हबत पाने को इस
दुनिया को भुला देता हूँ

रवि प्रभात

पुणे में एक आईटी कम्पनी में तकनीकी प्रमुख. Visit my site