गीत/नवगीत

मेरा मन साथ देता ही नहीं

मेरा मन साथ देता ही नहीं है
समय के साथ चलना चाहता हूँ
न यादों से निकल पाया अभी तक
तुम्हारे साथ मन, मैं अन-मना हूँ

न  भाती   हैं    मुझे    रंगीनियां   भी
न  तो  ये   शोरगुल  बाजार  का  ही
न मुझ पर  है  असर बदले  जहाँ का
असर अब तक है केवल प्यार का ही

अधूरे प्यार की मैं वेदना हूँ

समन्दर हूँ अतुल जलराशि मुझमें
बुझा पाया न लेकिन प्यास तक मैं
ज़मी की धूल सा लिपटा हुआ था
न बन पाया तभी अहसास तक मैं

बहुत रोया मगर मैं अनसुना हूँ

हमेशा साथ रहती हैं भले ही
न कोई पूछता परछाइयों को
कहाँ परवाह खंडित सूत्र की हो
खोजते लोग बिखरी मोतियों को

भग्न उस सूत्र की संवेदना हूँ
                       :प्रवीण श्रीवास्तव ‘प्रसून’

प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'

नाम-प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' जन्मतिथि-08/03/1983 पता- ग्राम सनगाँव पोस्ट बहरामपुर फतेहपुर उत्तर प्रदेश पिन 212622 शिक्षा- स्नातक (जीव विज्ञान) सम्प्रति- टेक्निकल इंचार्ज (एस एन एच ब्लड बैंक फतेहपुर उत्तर प्रदेश लेखन विधा- गीत, ग़ज़ल, लघुकथा, दोहे, हाइकु, इत्यादि। प्रकाशन: कई सहयोगी संकलनों एवं पत्र पत्रिकाओ में। सम्बद्धता: कोषाध्यक्ष अन्वेषी साहित्य संस्थान गतिविधि: विभिन्न मंचों से काव्यपाठ मोबाइल नम्बर एवम् व्हाट्सअप नम्बर: 8896865866 ईमेल : praveenkumar.94@rediffmail.com