प्रेम क्या है ?
कैसे कहूँ कि प्रेम क्या है मेरे लिए तो माँ की ममता प्रेम है पिता का धैर्य प्रेम है पति
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Read Moreप्रिय बरखा रानी, तोहरे वियोग में हम पागल होके कमरे में बंद हूँ, तुन्हारा भाई लू, लट्ठ लेकर पीछे पड़ा
Read Moreबजने दे पायल की रुनझुन कहने दे फिर वही कहानी एक था राजा एक थी रानी मौन की जब जब
Read Moreमेरा मन साथ देता ही नहीं है समय के साथ चलना चाहता हूँ न यादों से निकल पाया अभी तक
Read Moreमैं स्वर्ग से डॉक्टर नारंग बोल रहा हूँ एक यक्ष प्रश्न लिए मैं डोल रहां हूँ मुझको भी तो भीड़
Read Moreकभी सुनहरा कल आयेगा । चलता जा राही ,निशि वासर । अँधियारे ,निर्जन राहो पर । हिम्मत रख खुद पर
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