राजनीति

तेजी से फैसले लेने वाली योगी सरकार ने दिये सुखद भविष्य के संकेत

प्रदेश में नवगठित भाजपा की योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे कर लिये हैं। दो दशक के लम्बे समय बाद प्रदेश में एक ऐसी सरकार आयी है जो फिलहाल परिवारवाद से उत्पन्न होने वाली विभिन्न परिस्थितियों से एकदम अलग है। वर्तमान सरकार जातिवाद व मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति से भी काफी दूर है। यह सरकार फैसले लेने वाली सरकार है लेकिन वर्तमान योगी सरकार के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती भी है कि वह प्रदेश के भ्रष्ट आलसी तथा लापरवाह अफसरों के साथ कैसे निपटे। राष्टीªय स्वयंसेवक संघ ने भी सरकार को ऐसे अफसरों से सावधान रहने को कहा है। वहीं मुख्यमंत्री व प्रदेश सरकार के मंत्रियों का मानना है कि भ्रष्टाचार व अपराध तथा अभूतपूर्व घोटाले व निरंकुश अफसरशाही उन्हें विरासत में मिले हैं। इन सबसे निपटने व प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में कुछ समय तो लगेगा ही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के 100 दिन पर रिपोर्ट कार्ड पेश करते समय भ्रष्टाचार व परिवारवाद से बदहाल प्रदेश का गौरव लौटाने का एक बार फिर संकल्प भी दोहराया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि वह प्रदेश को अपराधमुक्त व गुंडामुक्त बनाकर रहेंगे।
रिपोर्ट कार्ड पेश करते समय उन्होंने बताया कि पिछले 14-15 सालों में प्रदेश प्रगति के पथ पर काफी पिछड़ गया है। सत्ता पर काबिज सरकारों ने भ्रष्टाचार और परिवारवाद के साथ बदहाल कानून व्यवस्था के जरिये काफी नुकसान किया है। प्रदेश सरकार पूरी तत्परता के साथ व्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास कर रही है। यह बात सही भी है कि प्रदेश में जो सरकार आयी है उसे पुूरी तरह से ध्वस्त व्यवस्था ही मिली है। अभी तक सरकार में जो अफसर व पुलिस अधिकारी तैनात हैं वे पुरानी सरकारों की संकीर्ण मानसिकता से ग्रसित हैं यही कारण है कि सहारनपुर में इतनी बड़ी साजिश हो गयी। कई मामलों में स्थानीय पुलिस ने पुरानी सरकार के कामकाज के तरीके के आधार पर ही फैसले लिये जिससे कहीं-कहीं सरकार की छवि को नुकसान हुआ। लेकिन अब व्यवस्था सुधर रही है तथा जल्द ही अब बड़े बदलाव सड़क पर भी दिखलायी पड़ने लगेंगे।
प्रदेश की कार्यसंस्कृति पूरी तरह से बदरंग हो चुकी है। यहां पर पुरानी सरकारों में अफसर व कर्मचारी पूरी तरह से घोटालों व रिश्वतखोरी में लिप्त थे। अपराधियों को सरकारी संरक्षण प्राप्त था तथा सरकारी अफसर स्वयं खनन माफियाओं तथा जमीन कब्जाने में माहिर दबंगों का साथ दे रहे थे। जैसे भाजपा को हराने के लिए सपा-बसपा व कांग्रेस जैसे सेकुलर दल एक हो जाते हैं इसी प्रकार जब से प्रदेश में अपराधियों व घोटालेबाजें के खिलाफ महाअभियान शुरू हो गया है तब से ये लोग एकजुट होकर प्रदेश में अपराधों के माध्यम से सरकार की छवि को खराब करने का षडयंत्र रच रहे हैं जिसे जनता समझ भी रही है। अब प्रदेश में अपराधिएयों के दिन लद चुके  हैं।

पिछली सरकारें महापुरूषों के नाम पर केवल अवकाश की राजनीति करती थीं लेकिन योगी सरकार ने महापुरूषों के नाम होने वाले अवकाशों को समाप्त करने की पहल की हेै तथा अब तक 15 अवकाश रदद किये जा चुके हंै। अब स्कूलों तथा सरकारी कार्यालयों में महापुरूषों की जयंती आदि पर कोई अवकाश नहीं होगा अपितु उनके बारे में जानकारी दी जायेगी तथा कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। यह प्रदेश में बड़ा बदलाव आया है। साथ सबसे बड़ी बात यह हुई है कि अब प्रदेश में केंद्र सरकार की योजनाओं के लागू होने में कोई बड़ी बाधा नहीं रह गयी है। अब यूपी में केंद्र सरकार की योजनायें भी लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। पिछली सरकारों ने केवल केंद्र के साथ टकराव का ही रास्ता अपनाया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्र्रदेश में मोदी जी के ‘सबका साथ सबका विकास’ के नारे को अपनाकर समानता पर आधारित विकास करने के लिए कृतसंकल्पित होकर काम करने लगे हंै। योगी जी प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जोकि 18 घंटे काम कर रहे हंै तथा एसी का उपयोग नहीं करते।
प्रदेश की योगी सरकार ने 100 दिनों में कई ऐतिहासिक फैसले लिये हैं तथा एक नयी संभावना को जन्म दिया है। मात्र 100 दिनों में ही योगी सरकार ने 86 लाख से अधिक लघु एवं सीमांत किसानों का लगभग 36 हजार करोड़ रू0 का फसली ऋण माफ करने का ऐतिहासिक फैसला लिया। इसके अतिरिक्त गन्ना किसानों के हित में भी बहुत से फैसले लिये हैं। पिछली सरकार में घोटाले दर घोटाले हुए हैं जिनमें से कुछ की जांच चल रही है तथा कुछ मामलों में अभी और खुलासे होने जा रहे है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक टी वी चैनल के साक्षात्कार में कहा भी कि एक परिवार के लोगों ने विगत 15 साल में केवल प्रदेश को लूटने का काम किया है। उनका सीधा इशारा मुलायम सिंह यादव व उनके परिवार की ओर था। आज प्रदेश का कोई विभाग ऐसा नहीं बचा है जहां भयंकर लूट न हुई हो। राजधानी लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच तो चल ही रही है साथ ही पंजीरी घोटाले सहित कई और घोटालों पर से पर्दा उठने वाला है। यही नहीं बसपा नेत्री मायावती के गांव आदि में जमीन घोटालो की जांच शुरू हो गयी है।
यूपी में योगी सरकार ने हर प्रकार के अवैध कामों के खिलाफ हल्ला बोल दिया है जिसे एक नयी उम्मीद की किरण जगी है। प्रदेश में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ हल्ला बोल हो रहा है। एंटी रोमियो अभियान के चलते कालेज-स्कूल जाने वाली बालिकाओं व कार्यालयों में काम करने वाली युवतियों में कुछ हद तक सुरक्षा का भाव जाग्रत हुआ है। यही कारण हे कि अपराधियों ने बेखौफ होकर युवतियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। अपराध हो रहे हैं लेकिन उनका फालोअप भी तेजी से हो रहा है। अपराधी गिरफ्त में आ रहे हैं। एंटी रोमियो अभियान की असली परीक्षा तब होगी जब अवकाश के बाद लड़कियों के स्कूल-कालेज खुल जायेंगे।
योगी सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कृतसंकल्पित नजर आ रही है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई फैसले कर रही है तथा व्यापक योजना भी बना रही है। सरकार ने पिछली सरकार में जहां-जहां समाजवादी आदि नाम लगे हुये हैं उन्हें भी हटवा दिया है। सरकार ने समाज के सभी वर्गो के हितों मेें बड़े फैसले लिये हैं लेकिन अब उनके धरातल पर क्रियान्वित होने का इंतजार किया जा रहा है। प्रदेश का पहला बजट जुलाई में आने जा रहा है तब उसके बाद सरकार के कामकाज की असली परीक्ष व समीक्षा की जायेगी। प्रदेश सरकार ने दिव्यांगों के हितों में कई फैसले लिये हैं। जिसमें उनकी पेंशन 300 से बढ़ाकर 500 कर दी गयी है। वहीं विभाग का नाम बदलकर दिव्यांगजन विभाग कर दिया गया है। उनके लिए प्रमाणपत्र जारी करने का काम भी आसान कर दिया गया है। जिसकी घोषणा आम बजट में की जायेगी। प्रदेश सरकार अक्टूबर 2018 तक सभी को बिजली देने के लिए कृतसंकल्पित है। प्रदेश का बिजली विभाग बिजली चोरी रोकने के लिए भी महाभियान चलाने जा रहा है। अब प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए प्रदेश सरकार गुजरात की तर्ज पर सभी जिलों में अलग थाने खोलने जा रही हैं।
प्रदेश सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार के आधार पर यूपी में भी वीआईपी कल्चर समाप्त करने के लिए कृतसंकल्प हैं। सरकार ने प्रदेश में लाल व नीली बत्ती को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। सरकारी योजनायें अब केवल मुख्यमंत्री के नाम से जानी जायेंगी। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिलों में होने वाले कार्यक्रमों के दौरान कोई विशेष इंतजाम नहीं किया जाये। सरकार ने अपने फैसलों में अयोध्या व मथुरा-वृंदावन को नगर निगम का दर्जा दिया और कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों के लिए भवन बनवाने तथा उन्हें एक लाख रूपये की सहायता देने का भी ऐलान किया है। वर्ष 2017 को गरीब कल्याण वर्ष बनाने तथ हर साल 24 जनवरी को उतर प्रदेश दिवस बनाने का निर्णय लिया ह। प्रदेश सरकार शिक्षा जगत में भी बड़े बदलाव के लिए कृतसंकल्पित है। सरकार ने कई फैसले लिये भी हैं।
संघ व भाजपा के दिवंगत विचारक व लेखक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के लिए यह सरकार पूरी तरह से समर्पित है तथा पहली बार उन्हेें सरकार की ओर से विशेष सम्मान दिया जा रहा है। सरकार उनकी जन्मशती पूरे उत्साह व धूमधाम के साथ मना रही है। सभी जिलों ब्लाकों तथ गांवों में दीनदयाल जी की याद में प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश के सभी विद्यालयों तथा पुस्तकालयों में दीनदयाल समग्र पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। मुगलसराय रेलवे स्टेशन अब दीनदयाल जी के नाम पर जाना जायेगा। मुगलसराय नगर पालिका भी अब दीनदयाल नगर पालिका के नाम से जानी जायेगी। प्रदेश में दीनदयाल जी के नाम पर 166 माॅडल स्कूल खोलने की योजना बनी है। प्रदेश का पहला बजट भी संभवतः दीनदयाल जी को ही समर्पित होगा।
100 दिनों में कुछ बड़ी घटनाओं ने सरकार की साख पर सवाल खड़े तो किये लेकिन उनमें भी साजिशों की बू ही सामने आ रही है। जिसमें सहारनपूर का जातीय दंगा सबसे बड़ी घटना है। असामाजिक तत्व गौहत्या व किसी न किसी बहाने प्रदेश में सामाजिक समरसता का माहौल खराब करने में पूरी तरह से जुट गये हैं। योगी सरकार के खिलाफ साजिशों का बाजार भी गर्म है। 100 दिनों में सरकार ने कई योजनायें बनायी हैं तथा उनका क्रियान्वयन भी शुरू हो गया है। लेकिन सरकार के कामकाज को परखने के लिए 100 दिन काफी नहीं होते वह भी तब जब पुरानी सरकारों ने परिवारवाद, जातिवाद व मुस्लिम तुष्टीकरण के नाम पर प्रशासन को पूरी तरह से पंगु बना दिया हो तथा सारा खजाना लूट लिया हो। बिगड़े हालातों को सुधरने में कुछ समय तो लगेगा ही। सरकार अपनी उम्मीदों पर फिलहाल खरी उतरी है। अपराधियों तथा घोटालेबाजों में भय व्याप्त हो गया है वही लोग आज सरकार को फेल बता रहे हैं।

मृत्युंजय दीक्षित