गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

गुल है,गुलशन है,महकती सी डगर है कोई
आप हैं साथ या मौसम का असर है कोई

प्यार ही धर्म जहाँ प्यार ही दौलत सबकी
बोलिये क्या कहीं ऐसा भी नगर है कोई

दिल की धड़कन में अज़ब सी है आज बेचैनी
लग रहा जैसे समंदर में लहर है कोई

ख्वाब देखा है जिसने आसमां को छूने का
उस परिंदे को हवा का नहीं डर है कोई

मेरे ख़्वाबों में ख्यालों में कौन रहता है
मेरा मुर्शिद या मेरा मोअतबर है कोई

दर्द अपनों से हमे कितना मिला क्या बोलें
दिल की दहलीज़ पे ठहरा समंदर है कोई

कुछ पूछना है तो इजाजत है पूछ सकते हैं
शक मेरे प्यार पे जो दिल में अगर है कोई

रमा प्रवीर वर्मा

रमा वर्मा

श्रीमती रमा वर्मा श्री प्रवीर वर्मा प्लाट नं. 13, आशीर्वाद नगर हुड्केश्वर रोड , रेखानील काम्प्लेक्स के पास नागपुर - 24 (महाराष्ट्र) दूरभाष – ७६२०७५२६०३