गीत/नवगीत

“गीत”

एक बूँद वर्षा की गगन से, आ के गिरती गाल

एक बूँद अरवी के पत्ते, एक टमाटर लाल….झूम के सावन आ गयो रे

एक बूँद उड़ चली अकेली, जा के मिलती ताल

एक उड़ी बौछार बिकल हो, जा के पहुंची खाल…..झूम के सावन आ गयो रे

एक उड़ चली संग सहेली, कर के ऊँचा भाल

एक उड़ गई नजर छुपा के, अब होगी किस हाल…..झूम के सावन आ गयो रे

एक बूँद है ठंड की मारी, झुकी कमल की नाल

एक बूँद पंखुड़ी में भौरा, बनी कमलिनी ढ़ाल……. झूम के सवान आ गयो रे

एक बूँद तरुवर में झूला, झूले लहँगा लाल

एक बूँद गोरी (गौतम)के नैना, साजन बिन बेहाल…….झूम के सावन आ गयो रे

महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ