गायत्री मन्त्र के जप से मन्द बुद्धि बालक विख्यात विद्वान बना
महात्मा आनन्द स्वामी जी (पूर्व आश्रम का नाम खुशहाल चन्द) का नाम आज भी प्रायः प्रत्येक आर्यसमाज का सक्रिय अनुयायी
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Read Moreमैं तिरंगा हूँ…!! कल रास्ते में मुझे कोई मिला, वह कल 16 अगस्त – 27 जनवरी कुछ भी हो सकता है। नहाया हुआ था
Read Moreखामोश हूँ मैं , अब शिकायत नहीं होती, अब इस ज़माने में , किसी का ‘दिल’ समझने की ‘रिवायत ‘
Read Moreसफर का मजा लेना हो तो सामान कम रखिये ॥ जिंदगी का मजा लेना हो तो अरमान कम रखिये ॥ मुझे इसमें
Read More३१ अक्टूबर १९४४ ; लालाजी (बाबूजी के गुरु जी) को चेतना के सभी स्तरों पर अधिकार था । जागृत अथवा
Read Moreइक्कीसवीं सदी ‘विश्व समाज’ की संकल्पना को साकार करने की सदी है. आज सारा जगत एक ही सूत्र में बन्ध
Read Moreभारतीय समाज एक काल में वेदों के ज्ञान को भूल गया। इसका परिणाम यह हुआ कि वह या तो भाग्यवादी
Read Moreरमेश और रत्नाकर अच्छे मित्र थे । दोनों के घर भी ठीक आमने सामने ही थे । दोनों ने साथ
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