गीत/नवगीत

गीत : ग़द्दार सदा ग़द्दार रहेंगे

जैसा देखा जैसा सीखा , वो ही संस्कार रहेंगे
निरे दोगले ,चोर उचक्के, गद्दार सदा गद्दार रहेंगे

वो कहता पंद्रह मिनटों में हिन्दू सभी मिटा देंगे
वंदेमातरम ना गाएंगे , गर्दन भले कटा देंगे

कोई कहता राम कहा तो , संबंधों को तोड़ेंगे
कहते है हम मोदी की बोटी बोटी कर छोड़ेंगे

वो आतंकी बन कर कहते काम कर रहे अल्ला का
और इधर असली चेहरा भी दिख गया है अब्दुल्ला का

कहता है तुम अमरनाथ के दर्शन भूल ही जाना अब
महादेव के श्रद्धालुगण, दर्शन को मत आना अब

और उधर महबूबा ने भी धमकी दे दी दंगे की
कहती कांधे नही मिलेंगे ,जब लाश उठे तिरंगे की

कोई कलकत्ते का मियाँ , धमकी देता है सब को
कहता संविधान ना मानू , मन की करता हूँ अब तो

केरल ,से घाटी तक हिन्दू , सड़को पर युँ मरते है
झूठे हो तुम जो कहते हो, देश मे मुस्लिम डरते है

आज दिखा दी तुमने अपने खून में फैली मक्कारी
चोर दलालो ,गद्दारो से बढ़ कर हो तुम अंसारी

— मनोज “मोजू”

मनोज डागा

निवासी इंदिरापुरम ,गाजियाबाद ,उ प्र, मूल निवासी , बीकानेर, राजस्थान , दिल्ली मे व्यवसाय करता हु ,व संयुक्त परिवार मे रहते हुए , दिल्ली भाजपा के संवाद प्रकोष्ठ ,का सदस्य हूँ। लिखना एक शौक के तौर पर शुरू किया है , व हिन्दुत्व व भारतीयता की अलख जगाने हेतु प्रयासरत हूँ.