गीतिका/ग़ज़ल

गज़ल

न जाने क्या हुई हमसे खता है
वो क्यूँकर आजतक हमसे खफा है
..
भले ही हो गया हमसे जुदा पर
ख्यालों में अभी तक रह रहा है
..
समझ पाये नहीं जिसको अभी तक
हमारी जिन्दगी भी क्या बला है
..
लगे अब साँस भी उलझी हमें तो
दुआ है या कि फिर कोई सज़ा है
..
लगे कलियाँ सभी सहमी हुई सी
कि दुश्मन बागबां ही हो गया है
..
हमें छलती रहीं साँसे हमारी
मुकद्दर से नहीं कोई गिला है
..
ये तय है कि नहीं जुड़ता दुबारा
भरोसा जब किसी का टूटता है
..
गमों ने कब रमा छोड़ा अकेला
इन्हीं से हौसला हरदम मिला है

रमा प्रवीर वर्मा

रमा वर्मा

श्रीमती रमा वर्मा श्री प्रवीर वर्मा प्लाट नं. 13, आशीर्वाद नगर हुड्केश्वर रोड , रेखानील काम्प्लेक्स के पास नागपुर - 24 (महाराष्ट्र) दूरभाष – ७६२०७५२६०३