कविता

बाल कविता

प्यारी – प्यारी मेरी माँ
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प्यारी – प्यारी मेरी माँ
रोज भोर को मुझे जगाती
फिर नहलाती – खाना खिलाती
पकड़के उंगली स्कूल ले जाती ||

प्यारी – प्यारी मेरी माँ
रोज नियम से गार्डन घुमाती
टूटे – फूटे रस्तों पे गिरने से बचाती
रोज रात को कहानी सुनाती ||

प्यारी – प्यारी मेरी माँ
बड़े दुलार से होमवर्क कराती
पापा डांटें तो झट सीने से मुझे लगाती
लड्डू – पुड़ी – हलुवा फिर खिलाती ||

प्यारी – प्यारी मेरी माँ
अगर कभी चोट मुझको लग जाती
झट – पट मरहम लगाती
तब बहुत दुःखी हो जाती ||

प्यारी – प्यारी मेरी माँ…

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
गॉव रिहावली, डाक तारौली गुर्जर,
फतेहाबाद-आगरा, 283111

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111