कवितामुक्तक/दोहा

वतन

उस वक़्त का इन्तजार है जब वतन में खुशहाली होगी,
पतझर हो या सावन, हर मौसम हरियाली होगी,
न दिन में तपन होगी,न रात काली होगी,
हर दिन होली हर रात दिवाली होगी।

हर दिल में देश का,इस चमन का सम्मान होगा,
जहां भर की इबारतों में हिन्दोस्तां का नाम होगा,
सोने चांदी के ख़्वाब न देखे है, न देखेंगे,
गरीबी का हिन्द से काम बस तमाम होगा।

उस वक़्त का इन्तजार है जब हर चेहरे पर लाली होगी,
भूख मिटाने की खातिर किसी की जेब न खाली होगी,
न दिन में तपन होगी, न रात काली होगी,
हर दिन होली हर रात दिवाली होगी।

विनोद दवे

नाम = विनोदकुमारदवे परिचय = एक कविता संग्रह 'अच्छे दिनों के इंतज़ार में' सृजनलोक प्रकाशन से प्रकाशित। अध्यापन के क्षेत्र में कार्यरत। विनोद कुमार दवे 206 बड़ी ब्रह्मपुरी मुकाम पोस्ट=भाटून्द तहसील =बाली जिला= पाली राजस्थान 306707 मोबाइल=9166280718 ईमेल = davevinod14@gmail.com