कविता
कविता कविता दिल का दर्पण है , कविता मन का समर्पण है, कविता उठते भावों का प्रदर्शन है, कविता ज़ज़्बातों
Read Moreजिसको चाहा था तुम वही हो क्या? मेरी हमराह ज़िंदगी हो क्या? कल तो हिरनी बनी उछलती रही क्या हुआ
Read Moreकुछ अपने अरमान दबा कर कुछ अपने ज़ज़्बात छिपा कर कुछ उनके अहसान उठा कर कुछ अपना वक़्त बिता कर
Read Moreये परदेश की लड़कियां कितनी बेखोफ़ होकर सात समंदर पार होकर बेख़ौफ़ चली आती है परिंदो की तरह आजाद होकर
Read Moreबड़े धूमधाम से बेटे की शादी करके अपने अरमान पूरे करने के चक्कर में संपतलाल कुछ कर्जदार पहले ही हो
Read More७० साल बीत गए ठकुरसुहाती करते करते लेकिन कुत्ते की दुम सीधी नहीं हुई और जो जिन्ना कहने से बचते
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