बाल कविता : गगन की सैर
चंदा के घर जाऊंगा
किसी को नही ले जाऊंगा
खूब मजे उड़ाऊंगा
गगन घूमके आऊंगा
चंदा संग सो जाऊंगा
सूरज संग उठ जाऊंगा
तारों संग खुशी मनाऊंगा
फिर घूम धरा पर आऊंगा.
— भारत विनय
चंदा के घर जाऊंगा
किसी को नही ले जाऊंगा
खूब मजे उड़ाऊंगा
गगन घूमके आऊंगा
चंदा संग सो जाऊंगा
सूरज संग उठ जाऊंगा
तारों संग खुशी मनाऊंगा
फिर घूम धरा पर आऊंगा.
— भारत विनय