“दोहा मुक्तक”
भूषण आभूषण खिले, खिल रहे अलंकार। गहना इज्जत आबरू, विभूषित संस्कार। यदा कदा दिखती प्रभा, मर्यादा सम्मान- हरी घास उगती
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Read Moreदशहरा असत्य पर सत्य की विजय। दुष्ट पर सज्जन की विजय का पर्व। सामाजिक दृष्टि से किसान जब फ़सल को
Read Moreनरेंद्र मोदी विचार मंच की महिला शाखा की प्रदेश अध्यक्ष, शिक्षाविद, कवयित्री एवं समाज सेविका डॉ सुलक्षणा अहलावत को दो
Read Moreमाननीय प्रधानमंत्री द्वारा दिये गए नारे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को नरेंद्र मोदी विचार मंच की महिला शाखा की प्रदेश
Read Moreरेत की दीवार पर महल बना सकता हूँ, बहते पानी पर लिख कर बता सकता हूँ। मेरे हौसलों का अहसास
Read Moreहदें निर्धारित हैं नदी की, नहर की, तालाब व समंदर की, और स्त्री-पुरुष की भी। मगर जब टूटती हैं हदें
Read Moreअरमानों की भट्टी हर पल, हरएक के दिल में जलती है। चाहे सब कुछ मिल जाता है; फिर भी कुछ
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