मुक्तक/दोहा

“दोहा-मुक्तक”

घर की शोभा आप हैं, बाहर में बहुमान

भवन सदन सुंदर लगे, जिह्वा मीठे गान

धाम धाम में वास हो, सद आचरण निवास

भक्ती भक्त शिवामयी, शक्ति गुणी सुजान॥-1

घर मंदिर की मूर्ति में, संस्कार का वास

प्रति मनके में राम हैं, प्रति फेरा है खास

सबके साथ निबाहिए, अंगुल अंगुल जाप

निशा दिवाकर अरु प्रभा, सबके संग निवास॥-2

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ