गीत/नवगीत

गीत

तेरी यादों मे मै तो यू पागल हुआ रे
तुमने आशिक मुझे पागल किया रे
तेरी यादों में……….
मेरी ये बाहे तुझको पुकारे
मिलने आजा नदीया किनारे
कैसे बताउं तुझको में अब
निंद ना आयें बिन तुम्हारे
तेरे लिए मैं बहता जाउ बन कर धारा रे
तेरी यादों में……
सारी दुनिया तुझ पे लुटा दूं
आज़ा तुझे मैं सीने लगा लू
भर कर तेरी मांग में सिंदुर
तुझे अपनी दुल्हन बना लूं
मेरी सजनी तू बन जाउं मै तेरा सैया रे
तेरी यादों में…….
आई हो तूम तो हुई खुशी
लगती हो बहुत ही हसीं
दुर तुम मुझसे कैसे रहोगी
तेरी चाहत प्यार की प्यासी
मेरे लिए तू और तेरे लिए मै बना रे
तेरी यादों में………
तेरी यादों में मेरी आँखे कितना रोई
मिल जायें हम जुदा कर ना पायें कोई

आकाश राठोड

आकाश राठोड़

SSC लेखक गीतकार गज़ल कविता आकाश राठोड G/o राम मंदीर के पास मुर्ती सोयगांव जिला औरंगाबाद