कविता

कविता : जुल्फों की बूदों में तुम

झटकूँ जब
अपनी ही जुल्फों को
भीगीं बूँदे जब
इधर उधर उड़ती हुई
करती जब स्पर्श मुझे!

कुछ चेहरे को
कुछ ओंठों को
कुछ बदन को
पर जैसे ही वो बूँद
दिल को छूती है
मेरा मन शांत हो जाता है!

जैसे तुमने बूँदो का रूप लेकर
मुझे दिल से लगा लिया हो
कभी ना दूर जाने के लिए!

कुमारी अर्चना

कुमारी अर्चना

कुमारी अर्चना वर्तमान मे राजनीतिक शास्त्र मे शोधार्थी एव साहित्य लेखन जारी ! विभिन्न पत्र - पत्रिकाओ मे साहित्य लेखन जिला-हरिश्चन्द्रपुर, वार्ड नं०-02,जलालगढ़ पूर्णियाँ,बिहार, पिन कोड-854301 मो.ना०- 8227000844 ईमेल - kumariarchana720.ka@gmail.com