“गज़ल”
जा मेरी रचना तू जा, मेले में जा के आ कभी घेरे रहती क्यूँ कलम को, गुल खिला के आ
Read Moreजय हो झिनकू भैया की। भौजी की अँगुली चाय की खौलती तपेली से सट गई, तो ज़ोर से झनझना गई
Read Moreअब तो गिरिवर दरशन, चित हमारौ मनवा हरसत विहरत, हरि निहारौ। पहुना सम दिखत सबहिं, पग पखारौ हम सेवक तुम
Read Moreआंकड़े सिर्फ आहट की दस्तक़ नहीं देते, बल्कि सच्चाई से रूबरू कराते हैं। देश में लिंग-अनुपात के लगातार कम होने
Read Moreबात शायद 1952 53 की होगी जब फिल्म आवारा आई थी। उस में राजकपूर ने जो ऊंची पैंट पाई हुई
Read Moreनेता अवनी प्रसाद प्रचंड मतों से लोकसभा के लिए चुने गए थे । मंत्री बना दिये गए । जीत की
Read Moreआजादी के सात दशक गुजरने के बाद भी अनगिनत देशवासी रोटी, कपड़ा और मकान की जद्दोजहद में हैं। कुछ इतने
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