लघुकथा

सेल्फ मेड

“ये क्या लिख कर लाये हो अक्षत ? ऐसे उत्तर तो तुम्हें नहीं लिखवाये थे मैंने ।” शिक्षिका ने डांटते हुए कहा ।
” जी …..मैम …..वो मैं बीमार जो रहा इतने दिनों से , मुझे अपनी कॉपी पूरी करनी थी । ” अक्षत ने डरते हुए उत्तर दिया ।
“हाँ तो …. तुम खुद को क्या समझते हो ? ये बताओ तुमने इन प्रश्नों के उत्तर आख़िर कहाँ से लिखे ?”
” वो …. मैंने खुद ने लिखें हैं मैम ।” यह कहते हुए वह घबरा रहा था ।
शिक्षिका जी का क्लास में यह आदेश था कि जो उत्तर वो लिखवाती है वही सबको लिखना होगा । अन्य उत्तर को वे गलत कर देंगी ।
अक्षत एक होनहार बच्चा था ,पढ़ने लिखने में उसकी रूचि थी ,अक्सर वह कुछ न कुछ लिखता रहता था । शिक्षिका को यह फूटी आँख नही सुहाता था ।
क्लास के सारे बच्चे अक्षत को डाँट खाते हुए देख रहे थे ,सुन रहे थे ,अक्षत के लिखे हुए उत्तर क्लास में पढ़े गए ।
सही उत्तर भी शिक्षिका के गले की हड्डी बन गए थे । सब अज्ञाकारियों के बीच इस हीरे को कैसे जगह मिल सकती थी ।

कल्पना भट्ट

कल्पना भट्ट श्री द्वारकाधीश मन्दिर चौक बाज़ार भोपाल 462001 मो न. 9424473377