कविता

तुम लौट आये

ओह, तुम लौट आये
मुझे यकी था तुम जरूर आओगे,
ज्यादा दिन न मेरे बिन तुम रह पाओगे। क्योंकि –
मेरे प्यार की छाप बड़ी गहरी है।
ये फीका रंग नहीं कि पानी पड़े तो धुल जाये,
ये सुखा रंग नहीं कि आंधी चले तो उड़ जाये,
मेरे प्यार में है, वो तासीर
जहाँ के हर कोने से तुम्हे पास खींच सकता है,
तुम्हारे दिली बाग को हर तरह सींच सकता है।
बस एक ही दिली आरजू है मेरी,
कर लो वादा अब लौट कर नहीं जाओगे,
सुख दुख केहर गीत मेरे साथ गाओगे,
जिन्दगी-ए-सफर की कई राह होगी,
हर राह पर चलोगे मेरा बाँह थामे,
गाओगे वो गीत कि सोई शाम जागे
बाद मुद्दत के अब दिल के गुल मुस्कुराये
अच्छा हुआ जो तुम लौट आये।
तुम लौट आये….

अलका जैन ‘अन्नू’

अलका जैन 'अन्नू'

नाम - श्रीमती अलका जैन , पति का नाम - डा. प्रमोद कुमार जैन , बेटी - जयति जैन "नूतन " और बेटा - पारस जैन कार्य - ग्रहणी , लेखन - काफी सालो से , विधा - कविताये , ग़ज़ल, शायरी , पता - डा. प्रमोद कुमार जैन , बस स्टैंड रानीपुर झांसी २८४२०५ mail- jaytijainhindiarticles34@gmail.com