राजनीति

सरकार

सरकार के हजार दिन पूरे होने की खुशी में राजधानी के एक बडे मैदान में सभा को संबोधित करते हुए राज्य के एक बड़े अपनी बाहवाही लूट रहे थे। उन्होंने कहा पिछले तीन वर्षों में लूट, रिश्वतखोरी, अपराध, भ्रष्टाचार को सरकार ने नियंत्रित करने का प्रयास किया है, आशा से कई गुणा अधिक सफलताएँ भी प्राप्त हुई है। दलित-आदिवासी, पिछड़ी जाति, आर्थिक आधार पर कमजोर तबकों के विकास के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। हर हाथ को काम व हर खेत को पानी हमारी प्राथमिकता होगी। अब तक सैकड़ों कल्याणकारी कार्य संपन्न हुए। उद्योगपतियों को जमीन मुहैया करवायी गई। जमीन अधिग्रहण के एवज मे भू-स्वामियों को अच्छे पैसे दिलवाए गए। राज्य में पूँजी निवेश के लिये माहौल बनाया गया। लाखों बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने के मास्टर प्लान पर युद्धस्तर पर काम जारी है। स्कूल, काॅलेज, हाॅस्पीटल इंजीनियरिंग व स्पोर्टस काॅलेजों की स्थापना करवायी गई। बैंक एकाउण्ट व राशनकार्ड को आधार से लिंक्ड करवाया गया ताकि फर्जी लेन-देन के गोरखधंधे को बंद करवाया जा सके।

देर शाम तक भाषण के बाद संतुष्टि की नींद नेता जी ले ही रहे थे कि अलसुबह भात…. भात… कहती हुई कारीमाटी (सिमडेगा) की ग्यारह वर्षीय संतोषी की भूख से मरने की खबर आग की तरह फैल गई। झरिया के चालीस वर्षीय बैद्यनाथ रविदास व बाद में मोहनपुर के रुपलाल मराण्डी की मौत भी भूख की वजह से होने की बात सामने आयी। सभी जिलों को एक सर्कुलर भेजकर यह सरकार ने यह सुनिश्चित करने को कहा गया था कि आधारकार्ड से लिंक्ड हुए वगैर राशन कार्डधारियों को पीडीएस का अनाज देना बंद करे। पिछले आठ महीनों से संतोषी के घरवालों को पीडीएस का चावल नहीं दिया गया था। प्रतिदिन दातून बेचकर 40 से 50 रुपये कमाने वाली कोईली बच्चों को माड़-भात तक उपलब्ध करा पाने में असमर्थ थी। 40 वर्षीय रिक्सा चालक बैद्यनाथ रविदास 7 सदस्यों वाले परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पा रहा था। आॅटो रिक्सा व बैट्री रिक्सा की भीड़ में परंपरागत रिक्सा की सवारी काफी कम हो गई थी। भोजन के लाले पड़ गए थे। इसी चिंता से उसकी तबीयत एक बार जो बिगड़ी बढ़ती ही चली गई। महीनों बिस्तर पर पड़े रहने के बाद उसने अपने प्राण त्याग दिये।

— अमरेन्द्र सुमन

अमरेन्द्र सुमन

बाॅयोडाटा अमरेन्द्र सुमन ‘‘मणि बिला’’, केवट पाड़ा (मोरटंगा रोड), दुमका, झारखण्ड जनमुद्दों / जन समस्याओं पर तकरीबन ढाई दशक से मुख्य धारा मीडिया की पत्रकारिता, हिन्दी साहित्य की विभिन्न विद्याओं में गम्भीर लेखन व स्वतंत्र पत्रकारिता। जन्म : 15 जनवरी, 1971 (एक मध्यमवर्गीय परिवार में) चकाई, जमुई (बिहार) शिक्षा : एम0 ए0 (अर्थशास्त्र), एम0 ए0 इन जर्नलिज्म एण्ड मास कम्यूनिकेशन्स, एल0एल0बी0 रूचि : मुख्य धारा मीडिया की पत्रकारिता, साहित्य लेखन व स्वतंत्र पत्रकारिता प्रकाशन: देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, जैसे-साक्ष्य, समझ, मुक्ति पर्व, अक्षर पर्व, समकालीन भारतीय साहित्य, जनपथ, परिकथा, अविराम, हायकु, अनुभूति-अभिव्यक्ति, स्वर्गविभा, सृजनगाथा, रचनाकार, (अन्तरजाल पत्रिकाऐं) सहित अन्य साहित्यिक/राजनीतिक व भारत सरकार की पत्रिकाएँ योजना, सृष्टिचक्र, माइंड, समकालीन तापमान, सोशल आॅडिट, न्यू निर्वाण टुडे, इंडियन गार्ड, (सभी मासिक पत्रिकाऐ) व अन्य में प्रमुखता से सैकड़ों आलेख, रचनाएँ प्रकाशित साथ ही साथ कई राष्ट्रीय दैनिक अखबारों व साप्ताहिक समाचार पत्रों-दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान, चौथी दुनिया, ,(हिन्दी व उर्दू संस्करण) देशबन्धु, (दिल्ली संस्करण) राष्टीªय सहारा, ,(दिल्ली संस्करण) दि पायनियर , दि हिन्दू, माँर्निंग इंडिया (अंग्रेजी दैनिक पत्र) प्रभात खबर, राँची एक्सप्रेस, झारखण्ड जागरण, बिहार आॅबजर्वर, सन्मार्ग, सेवन डेज, सम्वाद सूत्र, गणादेश, बिहार आॅबजर्वर, कश्मीर टाइम्स इत्यादि में जनमुद्दों, जन-समस्याओं पर आधारित मुख्य धारा की पत्रकारिता, शोध व स्वतंत्र पत्रकारिता। चरखा (दिल्ली) मंथन (राँची) व जनमत शोध संस्थान (दुमका) सभी फीचर एजेन्यिों से फीचर प्रकाशित। सैकड़ों कविताएँ, कहानियाँ, संस्मरण, रिपोर्टाज, फीचर व शोध आलेखों का राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाआंे में लगातार प्रकाशन। पुरस्कार एवं सम्मान : शोध पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अन्तराष्ट्रीय प्रेस दिवस (16 नवम्बर, 2009) के अवसर पर जनमत शोध संस्थान, दुमका (झारखण्ड) द्वारा स्व0 नितिश कुमार दास उर्फ ‘‘दानू दा‘‘ स्मृति सम्मान से सम्मानित। 30 नवम्बर 2011 को अखिल भारतीय पहाड़िया आदिम जनजाति उत्थान समिति की महाराष्ट्र राज्य इकाई द्वारा दो दशक से भी अधिक समय से सफल पत्रकारिता के लिये सम्मानित। नेशनल बुक ट्रस्ट आॅफ इंडिया (न्यू दिल्ली) के तत्वावधान में झारखण्ड के पाकुड़ में आयोजित क्षेत्रीय कवि सम्मेलन में सफल कविता वाचन के लिये सम्मानित। नेपाल की राजधानी काठमाण्डू में 19 व 20 दिसम्बर (दो दिवसीय) 2012 को अन्तरराष्ट्रीय परिपेक्ष्य में अनुवाद विषय की महत्ता पर आयोजित संगोष्ठी में महत्वपूर्ण भागीदारी तथा सम्मानित। नेपाल की साहित्यिक संस्था नेपाल साहित्य परिषद की ओर से लाईव आॅफ गाॅडेज स्मृति चिन्ह से सम्मानित । सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया वर्कशाॅप में वतौर रिसोर्स पर्सन व्याख्यान। हरियाणा से प्रकाशित अन्तर्जाल पत्रिका अनहद कृति की ओर से अनहद कृतिः वार्षिक हिंदी साहित्यिक उर्जायानः काव्य-उन्मेष-उत्सव विशेष मान्यता सम्मान-2014-15 से सम्मानित। साहित्यिक-सांस्कृतिक व सामाजिक गतिविधियों में उत्कृष्ट योगदान व मीडिया एडवोकेसी से सम्बद्ध अलग-अलग संस्थाओं /संस्थानों की ओर से अलग-अलग मुद्दों से संबंधित विषयों पर मंथन युवा संस्थान, राँची व अन्य क्षेत्रों से कई फेलोशिप प्राप्त। सहभागिता के लिए कई मर्तबा सम्मानित। कार्यानुभव: मीडिया एडवोकेसी पर कार्य करने वाली अलग-अलग प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा आयोजित कार्यशालाओं में बतौर रिसोर्स पर्सन कार्यो का लम्बा अनुभव। विज्ञान पत्रकारिता से संबंधित मंथन युवा संस्थान, राॅची के तत्वावधान में आयोजित कई महत्वपूर्ण कार्यशालाओं में पूर्ण सहभागिता एवं अनुभव प्रमाण पत्र प्राप्त। कई अलग-अलग राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के लिए विधि व प्रेस सलाहकार के रूप में कार्यरत। सम्प्रति: अधिवक्ता सह व्यूरो प्रमुख ‘‘सन्मार्ग‘‘ दैनिक पत्र व ‘‘न्यू निर्वाण टुडे ‘‘ संताल परगना प्रमण्डल ( कार्यक्षेत्र में दुमका, देवघर, गोड्डा, पाकुड़, साहेबगंज व जामताड़ा जिले शामिल ) दुमका, झारखण्ड । सम्पर्क: ‘‘मणि बिला’’ द्वारा:- डाॅ0 अमर कुमार वर्मा केवट पाड़ा (मोरटंगा रोड) दुमका, झारखण्ड। मो0ः - 9431779546 एवं 9934521554 email:-- amrendra_suman@rediffmail.com amrendrasuman.dumka@gmail.com

One thought on “सरकार

  • राजकुमार कांदु

    आदरणीय अमरेंद्र जी ! बड़ी भयावह स्थिति है इस समय गरीबों की और नेताओं को सब कुछ अच्छा अच्छा ही दिख रहा है । सुंदर व सत्य लेखन के लिए धन्यवाद ।

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