बाल कविता

नन्हे नन्हे बालक

नन्हें – नन्हें बालक हो
उपवन सा सालोने हो!

आँगन की फुलवारी हो
मीठी सी मुस्कान हो!

सबको मीठे बोल सुनातें
माता- पिता के आँख के तारें!

बागो में खिले फूल हो
सबमे महक बिखेरे हो!

इनके बिन सूना जग सारा
हैं ये तो जग प्यारा – प्यारा!!
बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।