लघुकथा

प्रगति

सचिन की कार जाम मे फंसी थी। वह एक पांच सितारा होटल में कुछ लोगों से मिलने जा रहा था। यदि डील हो गई तो उसे अपना माल बाहर भेजने का मौका मिलेगा।
वह एक उद्योग चलाता था जहाँ स्थानीय कलाओं पर आधारित कलाकृतियां बनाई जाती थीं। उसके इस उद्योग से कई स्थानी कलाकारों को रोज़गार मिल रहा था। अतः वह चाहता था कि वह अपने व्यापार को और बढ़ाए।
सचिन ने घड़ी देखी। मुलाकात का समय हो गया था। लेकिन वह अभी रास्ते में फंसा था। बाहर हाथ में बैनर और झंडे लिए एक जुलूस कोई विरोध प्रदर्शन करते हुए बढ़ रहा था।
सचिन को लग रहा था कि अब शायद ही वह डील कर पाएगा। देर से पहुँचने की वजह वह अपने विदेशी मेहमानों को कैसे समझाएगा।

*आशीष कुमार त्रिवेदी

नाम :- आशीष कुमार त्रिवेदी पता :- C-2072 Indira nagar Lucknow -226016 मैं कहानी, लघु कथा, लेख लिखता हूँ. मेरी एक कहानी म. प्र, से प्रकाशित सत्य की मशाल पत्रिका में छपी है