गीतिका/ग़ज़ल

यूँ ज़रूरत तो हमारी भी किसी से कम नही

यूँ ज़रूरत तो हमारी भी किसी से कम नही
साथ लेकिन हम हवाओं के बहें तो हम नही

नफ़रतों की लाख़ दीवारें उठाए ये जहां
कर सके तुमको ज़ुदा हमसे किसी में दम नही

जिस तरफ़ भी देखिये गुलज़ार है सारी धरा
अब चले आओ सनम इनकार का मौसम नही

रोकिये बढ़ता हुआ ये नफ़रतों का जलजला
चाहिये घर में किसी के अब कहीं मातम नही

धर्म का दीपक जले बस रोशनी के वास्ते
मजहबों के नाम पर फैले जहां में तम नही

चाहता हूँ होठ पर मुस्कान आँखों मे चमक
काश चहरे पर किसी के भी दिखे अब ग़म नही

हाथ बच्चों के किताबें हो बड़ों के काम हो
काश हाथों में रहे पत्थर नही अब बम नही

सतीश बंसल
२९.११.२०१७

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.