मुक्तक/दोहा

दोहे गुड़ पर…

सर्द ऋतु रहना अगर, भैया तुमको मस्त ।

भोजन बाद गुड़ खाइये, पाचन रहे दुरस्त ।।

मुख्य स्रोत आयरन का, बहुत फायदेमंद ।

एनीमिया मरीजों के, मिट जाये सब फंद ।।

साफ करे गुड़ रक्त को, मुखड़ा देय निखार ।

कील-मुहांसे दूर हों, गुड़ खाना दरकार ।।

याददास्त ताजा बने, गुड़ का हलबा खाय ।

खाबे सरसों तेल से, श्वांस रोग मिट जाय ।।

घी-गुड़ का गर मेल हो, मिटे कान का दर्द ।

मिला दूध गुड़ पीजिये, नहीं सतावें सर्द ।।

सुंदर चीनी का फेर, मत भरमाओ आप ।

सुंदरता हमको भला, देती है संताप ।।

विश्वम्भर पाण्डेय 'व्यग्र'

विश्वम्भर पाण्डेय 'व्यग्र' कर्मचारी कालोनी, गंगापुर सिटी,स.मा. (राज.)322201